सनावल! पंचायती राज लागु करते समय भारत सरकार की सोच थी की शासन आम जनता तक पहुचे मगर पंचायती राज व्यवस्था में जनता द्वारा चुन कर आये ग्रामीण सरकार के नुमायन्दे ने अपनी हरकतों से पंचायती राज का माखोल उड़ाने में कोई कसर नही छोड़ी है कई ग्राम पंचायतो में महिला सरपंच के आड़ में सरपंच पति, सरपंच पुत्र, सरपंच पिता को पंचायतो के कार्यो को करते देखा गया है ऐसा सभी पंचायतो में होता है यह कहा नही जा सकता मगर अनेक पंचायत ऐसे है जहा पर महिला सरपंच के जगह इनलोग कम करते है नियमत ऐसा नही होना चाहिए। मगर अब महिला पंचायत सचिव के पति भी पत्नी सचिव की जगह पंचायतो में हस्तक्षेप करने पहुच रहे है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत सुन्दरपुर से आया है। बलरामपुर जिले के बिकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम पंचायत सुंदरपुर में दिनांक 24/4/2022 ग्राम सभा का आयोजन किया गया था जिसमें वहा के पंचायत सचिव श्रीमती मोहरमनिया सिंह के जगह उनके पति राजकुमार सोयमा शाम 5:30 बजे उपस्थित हुए ग्रामीणों ने इस पर आपति की एवं अपने पंचायत सचिव को बैठक में आने को बोला तो सचिव पति ने कहा की मै यहां का सचिव नहीं हूं मेरी पत्नी के नहीं होने के कारण मैं बैठक लेने आया था परन्तु पंचायत सचिव का कोई लिखित आदेश उनके पक्ष में नही होने के कारण ग्रामीण लोग बैठक नहीं होने दिए ग्रामीणों ने बताया की यहां का सचिव अपना ही मनमानी करती है कभी किसी भी प्रकार की जानकारी ग्रामीणों को नहीं देती है जब से मोहरमनिया सचिव आई है तब से उसका पति राजकुमार सचिव ही यहां का कार्यभार देखते हैं जिससे ग्रामीण खिन्न हैं और साथ में यहां का विकास रुका हुआ है कुछ लोगों का 3 महीने से चावल अक्टूबर-नवंबर दिसंबर का एवं कोरोना काल का चावल 60 कुंटल लगभग गबन हुआ है इसके बावजूद भी सचिव से पूछने के बाद सचिव का कहना है कि इसके बारे में हम लोग अभी कोई विचार नहीं किये है और ना ही कभी ग्राम पंचायत सुंदरपुर में सचिवालय खुलता है और ना ही सचिव बैठती है।
कई ग्रामीण सचिव को पहचानते नही – सुन्दरपुर के कई ग्रामीण बताते है की हमने कभी महिला सचिव को देखा ही नही है। जब भी पंचायत भवन जाते है तो कभी कभार उनके पति ही दिखते है।
महिला सचिव के पति भी सचिव है – सुन्दरपुर पंचायत सचिव के पति राजकुमार सोयमा बरवाही के पंचायत सचिव है अपने पंचायत के कार्यो को छोड़कर पत्नी के पंचायत में दखलअंदाजी करने का उनका रिकार्ड बहुत पुराना है वैसे बरवाही पंचायत के ग्रामीण भी सचिव महोदय से खासे परेशान एवं नाराज है और उनको हटाने की भी मांग कर चुके है।
