लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच आरबीआई झटका देने की तैयारी में है. अगले सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. ब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अतिरिक्त नकदी जुटाने के लिए रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकती है. रेपो दर में वृद्धि का अनुमान नहीं है.
बार्कलेज के विश्लेषकों ने अगले सप्ताह होने वाली एमपीसी की बैठक से पहले कहा कि ओमिक्रॉन स्वरूप के प्रकोप और अपेक्षाकृत अनुकूल महंगाई के बीच आरबीआई के पास वृद्धि समर्थक मौद्रिक नीति को बनाए रखने के लिए गुंजाइश है. केंद्रीय बैंक अपने नकदी प्रबंधन उपायों के मद्देनजर रिवर्स रेपो दर में 0.20-0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है.
लगातार 9वीं बार रेपो रेट में बदलाव नहीं
बार्कलेज के अलावा कई विश्लेषकों ने भी रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है. उनका कहना है कि सरकारी उधारी में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी के कारण आरबीआई नीति सामान्यीकरण की ओर बढ़ सकता है. आरबीआई ने दिसंबर में हुई समीक्षा बैठक में लगातार नौवीं बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा था.
महंगाई से मिल सकती है राहत
केंद्रीय बैंक ने जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 2021-22 में 9.5 फीसदी पर कायम रखा. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.0 फीसदी रहने का अनुमान है. आरबीआई ने महंगाई के मोर्चे पर कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 फीसदी रह सकती है. पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती से महंगाई में टिकाऊ आधार पर कमी आएगी. बैंकों के लिए विदेशों में स्थित शाखाओं में पूंजी लगाने और लाभ के नियम को सुगम बनाया गया है.