सेना के लिए डिजाइन की गई नई आर्मी कॉम्बैट यूनिफॉर्म सिर्फ निश्चित चैनल के माध्यम से ही सैनिकों के लिए उपलब्ध होगी. इस यूनिफॉर्म के कपड़े खुले बाजार में उपलब्ध नहीं होंगे. गौरतलब है कि बीते 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day 15 January) के परेड के दौरान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (National Institute of Fashion Technology -NIFT) द्वारा तैयार किए गए नए कॉम्बैट यूनिफॉर्म का अनावरण किया गया था. यूनिफॉर्म को 15 खास कैमोफ्लाज पैटर्न, 4 अलग-अलग डिजाइन और 8 अलग-अलग कपड़े (Fabric) में से चुना गया था.
निर्धारित चैनल के माध्यम से ही मिलेगी नई वर्दी
रक्षा सूत्रों ने News18 को बताया है कि योजना के अनुसार, जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और अन्य रैंक के लिए नई सिली हुई वर्दी मास्टर जनरल सस्टेनेंस (Master General Susstenance- MGS) के ब्रांच के माध्यम से खरीदी जाएगी और सैनिकों को आर्मी ऑर्डिनेंनस कॉर्प्स (Army Ordnance Corps) के यूनिट्स से दी जाएगी. वर्तामान में, जेसीओ (JCO) और ओआर (OR) के माध्यम से लाइफ साइकिल के आधार पर दी जाती है, जो हर 15 महीने पर ऐसी वर्दी पाने के लिए हकदार होते हैं.
खुले बाजार में नहीं बिकेगी
हालांकि, जब तक नई आर्मी कॉम्बैट यूनिफार्म की आपूर्ति निश्चित किए गए माध्यम से नहीं होती है, तब तक विशिष्ट प्रतिष्ठत विक्रेताओं द्वारा तैयार की गई वर्दी को अस्थायी रूप से सीएसडी (CSD) के माध्यम से बेचा जा सकता है. इसकी शुरुआत इसी साल जून महीने से होगी. News18 को एक सूत्र ने बताया कि एक बार निर्धारित तरीके से वर्दी की खरीद प्रणाली लागू हो गई, तो फिर कॉम्बैट यूनिफार्म के कपड़े को सीएसडी और खुले बाजार में नहीं बेचा जाएगा.
पुरानी वर्दी का अंतिम स्टॉक 2023 तक
सैनिकों को केवल सिली हुई वर्दी ही निर्धारित चैनलों के माध्यम से ही उपलब्ध कराई जाएगी. साल 2008 में अंतिम बार सैनिकों के लिए कॉम्बैट यूनिफॉर्म बदला गया था. खुले बाजार में मिलने की वजह से यह आसानी से उपलब्ध हो जाता था, जिसका कई अवैध रूप से भी इस्तेमाल करने लगे थे. सूत्रों के मुताबिक मौजूदा यूनिफॉर्म का स्टॉक 2023 तक चलेगा और जिन्हें हाल ही में वर्दी दी गई है, वे उसे पूरे 15 महीने के लिए लिए पहनना जारी रखेंगे. बदलाव के दौरान कुछ सैनिक पुरानी और कुछ नए यूनिफॉर्म में दिखाई देंगे.