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क्सलियों ने छिपा रखा था स्पाइक्स:बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे थे जवान, 3 जगहों में मिला 100 से ज्यादा स्पाइक्स

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुराक्षाबलों ने एक बार फिर माओवादियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया है। जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए माओवादियों ने 3 अलग-अलग जगहों पर 100 से ज्यादा स्पाइक्स लगा रखे थे। जिसे जवानों ने बरामद कर लिया है। माओवादियों ने पगडंडी में गड्ढा कर सूखे पत्तों और प्लास्टिक थैला के नीचे स्पाइक्स लगा रखा था। जवानों ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए सभी स्पाइक्स को निकाल लिया और गड्ढों को पाट दिया है। मामला कुटरू थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, जिले के नक्सल प्रभावित गांव जैगुर और कोटमेटा इलाके में जवान बच्चों और ग्रामीणों के साथ गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने जा रहे थे। नक्सल इलाका होने की वजह से जवान इलाके की सर्चिंग भी कर रहे थे। इस बीच इन दोनों गांवों के बीच 3 अलग-अलग जगहों से सैकड़ों की संख्या में स्पाइक्स बरामद की गई। रास्ता क्लीयर करने के बाद जवान स्कूल पहुंचे। फिर ग्रामीणों और यहां मौजूद बच्चों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया।
SDOP अभिवन उपाध्यय ने बताया कि, माओवादियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया गया हैं। नक्सलियों ने जो स्पाइक्स लगाए थे। उसकी चपेट में ग्रामीण और उनके पालतू मवेशी भी आ सकते थे। लेकिन जिला पुलिस बल और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल(CAF) की 9वीं वाहिनी के जवनों ने माओवादियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए सभी स्पाइक्स निकाल लिए हैं। बच्चों के साथ हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया।

स्पाइक्स क्या होता है?

स्पाइक्स एक लोहे के सरिए को कहा जाता है। नक्सली अक्सर इसे जवानों के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं। बड़े ही पतले आकार में दिखने वाला ये स्पाइक्स को को नक्सली जमीन में गाड़कर रखते हैं। उसके ऊपरी हिस्से को छिपा दिया जाता है। जिससे की उसके चपेट में जवान या सकें। कई बार माओवादी जवानों को ऐसा नुकसान पहुंचा चुके हैं। इसके ऊपर का हिस्सा काफी नोकीला होता है। जो एक बार शरीर को छू जाए तो इंसान घायल होता है। या उसके शरीर में घुस जाए तो उसकी जान जा सकती है।