देवरी कला, सागर मध्यप्रदेश। त्रिवेन्द्र जाट “मेरूवाणी डाॅट इन”…
मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ नें शिक्षा विभाग में व्याप्त समस्याओं को लेकर दिनांक 10 नवम्बर को कलेक्टर सागर, दिनांक 11 नवंबर को संयुक्त संचालक सागर एवं दिनांक 10 नवम्बर को जिला शिक्षा अधिकारी सागर को शिक्षकों की लंबित मांगों का 14 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था, किन्तु आज दिनांक तक जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा मांगों के संबंध में ना तो कोई कार्रवाई की गई, और ना ही संघठन को कृत कार्यवाही से अवगत कराया जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा राष्ट्रवादी संघठनों एवं राष्ट्रवादी विचार धारा को समाप्त करनें के कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं, इनकी कार्यप्रणाली से जिले के शिक्षकों में आक्रोश एवं असंतोष है।
ज्ञापन में मांग की गई कि रिक्त पदों वाली शालाओं में संशोधन करनें का विभाग आदेश है, किन्तु आज दिनांक तक संशोधन ना किये जाने से शिक्षक परेशान हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा किए गए नियम एवं नीति विरुद्ध स्थानांतरण निरस्त किए जावे, मान्यता प्राप्त संघठनों के पदाधिकारियों के नीति विरूद्ध किए गए स्थानांतरण निरस्त किए जावे, गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों एवं दिव्यांग शिक्षकों के नीति विरुद्ध किए गए स्थानांतरण निरस्त जावे।
जिले में हुए स्थानान्तरणों से बहुत से विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो गई है किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा पोर्टल अपडेट नहीं कराया जा रहा है, जिससे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, अतः आग्रह है कि पोर्टल अपडेट किया जाए।
सहायक शिक्षक विज्ञान एवं प्राथमिक शिक्षक विज्ञान का पद हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी में होता है, किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा इनके स्थानांतरण माध्यमिक शालाओं में कर दिए गए, अतः उक्त शिक्षकों के नियम विरुद्ध प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में किए गए स्थानांतरण निरस्त किए जानें का आग्रह है, सात राजपत्रित अधिकारियों के स्थानांतरण जिला शिक्षा अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते फिर भी जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से राजपत्रित अधिकारियों के स्थानांतरण कर दिए, संघ आग्रह करता है कि ऐसे स्थानांतरण निरस्त किए जावे।
जिला शिक्षा अधिकारी की लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण सागर विकासखण्ड सहित अनेक विकास खण्डों में वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा है, खासकर जब भी त्योहार रहता है तभी वेतन विलंब से लगभग 15 तारीख के आसपास आहरित होता है।
अधिकांश शिक्षक बैंकों से ऋण लिए हैं, समय पर वेतन आहरित नहीं होनें के कारण बैंक लोन का किश्त समय पर जमा नहीं हो पाती, अतः आपसे आग्रह है कि माह की पहली दिनांक को ही वेतन दिलाया जावे।
वर्तमान में कोविड 19 के दौरान एवं विगत वर्षों में बहुत से शिक्षकों नें ग्रीष्म अवकाश के दौरान कलेक्टर महोदय के आदेश से विभिन्न स्थानों पर कार्य किया है, ग्रीष्म अवकाश में कार्य के एवज में अर्जित अवकाश का ताभ दिलाया जावे, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजाखेड़ी के शिक्षकों का अकारण एक दिन का वेतन रोका गया. था, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा व्यक्तिस: कथन एवं स्पष्टीकरण लेनें के बावजूद भी लगभग छह माह में कोई निर्णय नहीं लिया गया, अकारण रोका गया वेतन बहाल किया जावे, नवीन शिक्षक संवर्ग को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान कराया जावे।
अतः संगठन सविनय निवेदन करता है कि जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा नीति विरूद्ध एवं नीति अनुसार तय सीमा 5% से अधिक संख्या में स्थानांतरण किए गए जिससे जिले के अनेक विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए, इनके द्वारा किए गए स्थानांतरणों की वरिष्ठ अधिकारियों से निष्पक्ष जांच करानें की कृपा करें।
ज्ञापन देनें वालों शिक्षकों में राकेश श्रीवास्तव, जगदीश जारोलिया, राजेश्वर सेन, अजय खरे आदि शिक्षक गण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

