भाटापारा-बलौदाबाजार। राघवेन्द्र सिंह “मेरूवाणी डाॅट इन”…
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के भाटापारा विकासखण्ड क्षेत्र में आनें वाला ग्राम पंचायत गुड़ाघाट जहां पर नल जल योजना के तहत विभिन्न प्रकार की कार्यप्रणाली ग्राम पंचायतों को दी जाती है, जिससे कि पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र की जगह जहां पर पानी की व्यवस्था मिल जाए और पानी की व्यवस्था हमेशा बनी रहे।
ग्राम पंचायत गुड़ाघाट स्कूल, आंगनबाड़ी, ग्राम पंचायत भवन में पानी की व्यवस्था बनी रहे, इसीलिए ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव के द्वारा बैठक व्यवस्था करके डेढ़ लाख रुपए की स्वीकृति की राशि से नल पानी जैसी व्यवस्था को बनाने की योजना बनाई और 15वें वित्त की राशि से यह कार्यप्रणाली की योजना बनी जिसमें राशि 15वें वित्त की मद से होनें की बात पर प्रस्ताव पारित हुई।
जिसमे ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव के द्वारा पाइप, मोटर सिंटेक्स लाकर स्कूल आंगनबाड़ी और ग्राम पंचायत भवन में लगाया गया मगर अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है और स्कूल की नल में या फिर आंगनबाड़ी के सामने लगे हैंडपंप अभी तक मोटर नहीं लगा है और कार्य अभी अपूर्ण है, पाइप में टोंटी नहीं लगी है, सिंटेक्स में पाइप नहीं लगा है और मोटर भी नहीं बैठा है, जिससे कि अभी तक पानी की सुविधा आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत भवन, स्कूल में नहीं मिल पाई है, लेकिन फिर भी 15वें वित्त की राशि से डेढ़ लाख की राशि कार्य अपूर्ण होनें पर भी सरपंच, सचिव एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी की मिलीभगत से पूरी डेढ़ लाख की राशि आहरण कर दी गई।
ग्राम वासियों का कहना है कि पंचायत की फण्ड की राशि कार्य योजना के लिए आती है और अगर कार्य हो रहा है तो गांव में एक विकास की गति को प्रदर्शित करती है, मगर विकास तब होती है जब कार्य पूर्ण होता है, लेकिन यहां तो ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और अधिकारियों की मिलीभगत से कार्य पूर्ण हुआ ही नहीं है और राशि पहले ही आहरण हो चुका है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या बिना कार्य पूर्ण हुए राशि आहरण कर दी जाती है या फिर राशि आहरण होने के बाद कार्य पूर्ण किया जाता है, खबर के प्रकाशन के बाद अधिकारी इसे संज्ञान में लेकर क्या करते हैं, खबर अभी बाकी है वह अगले अंक में प्रकाशित की जाएगी।


