Home Uncategorized जनप्रतिनिधि ने लगाए वन विभाग पर गंभीर आरोप कहा वन विभाग के...

जनप्रतिनिधि ने लगाए वन विभाग पर गंभीर आरोप कहा वन विभाग के अधिकारी वनों को कटाई कर अवैध कब्जा करवाने में कर रहे हैं सहयोग

193
0

*बलरामपुर/ कुसमी :* बलरामपुर जिला के कुसमी वन परीक्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोपातू पाठ के ऊपर बी. के. बी. कांटा से पहले बिरहोर पाठ से सीधा गोपातू उतरने वाला रोड चौक में रामचंद्रपुर के दो युवकों ने अवैध रूप से शासकीय जमीन पर जंगल से 33 नग गोजा काट कर कब्जा के उद्देश्य से चपरी बना रहे थे।जिसको देख ग्राम पंचायत गोपातू के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने विरोध किया और बन रहे घर का काम को रुकवाया गया एवं क्यों बना रहे युवकों से कड़ाई से पूछताछ के दौरान युवकों ने बताया कि हम लोग ग्राम गोपातू के रहने वाले राधेश्याम गुप्ता के द्वारा बुलाए जाने पर आये हैं और उन्हीं के द्वारा गोजा काटने की भी अनुमति दी गई है। तब हम लोग गोजा काटकर परछी बना रहे हैं।उस पर ग्राम पंचायत गोपातू के जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगभग समय 09.20 बजे सुबह वन विभाग के अधिकारियों को फोन कर अवगत कराया गया।वन विभाग का अमला लगभग दोपहर के 12:00 से 1:00 के बीच पहुंची।जनप्रतिनिधि ने लगाए वन विभाग पर गंभीर आरोप कहा वन विभाग के अधिकारी वनों को कटाई कर अवैध कब्जा करवाने में कर रहे हैं सहयोग। इससे साफ जाहिर होता है कि ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा सूचना देने के 4 घंटे बाद वन अमला मौके पर पहुंची। जब मीडिया की पहुंच जाने की सूचना मिली तब आनन-फानन में वन अमला पहुंच कर कार्यवाही करने की बात तो कही गई परंतु एक मामूली चालान काट कर कब्जा धारियों को छोड़ दिया गया। जब जनप्रतिनिधियों के द्वारा काली राम का मोबाइल नंबर 8120472209 में फ़ोन कर चालान कि छायाप्रति मांगी गई तो वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा टालमटोल कर गुमराह में रखने की कोशिश की गई।प्रतिनिधियों का कहना है कि यह काम वन विभाग के अधिकारियों के सांठगांठ से हो रहा था इसलिए कार्यवाही करने से अधिकारीयों ने मुंह मोड़ लिया है। जबकि घटना दिनांक 16 /09/2021 का है और अभी तक आश्वासन तो दिया गया पर कार्यवाही करने से वन विभाग के अधिकारी असमर्थ रहे और कारवाही में उपस्थित काली राम वन पाल एवं हीरा राम भगत सहित चार वन अमला कार्यवाही में उपस्थित थे अब काली राम से ग्राम पंचायत गोपातू के उप सरपंच के द्वारा भी जानकारी पूछे जाने पर वनपाल काली राम के द्वारा यह बताया गया कि दोषी के ऊपर कार्यवाही की गई है। जिसका राशि 5220/- (पांच हजार दो सौ बीस रुपए ) की चालानी कार्रवाई की गई है और हमारे पास समय नहीं रहने के कारण मैं जाने नहीं पा रहा हूं। जिस पर उपसरपंच के द्वारा चालान का फोटो व्हाट्सएप में भेजने की बात कही तो व्हाट्सएप में भी देने से अधिकारी मुकर गये।जिससे यह स्पष्ट होता है कि वन विभाग के मिलीभगत के कारण यह शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने का सिलसिलाऔर अवैध कटाई होते आ रही है जिस पर ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है कि यह मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाऐ नहीं तो उग्र आंदोलन करने एवं वन विभाग ऑफिस घेरने की बात कही गई। ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि लॉक डाउन के समय वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा दो दो एकड़ वनों को अवैध रूप से कटाई कर समतलीकरण कर कब्जा कराया जा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी जो शपथ लिए थे जल, जंगल, जमीन की रक्षा करेंगे। अब वह अपने कर्तव्यों को भूल कर जंगल को काटकर बेचने में लगे हुए हैँ । अब देखना यह है कि वन विभाग अधिकारियो. ने यह दोषियो के उपर संज्ञान कब लेती है और क्या कार्रवाई करती है।