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लिंग भेदभाव रोकथाम को लेकर जागरूकता पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

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लिंग भेदभाव रोकथाम के प्रति जागरूकता में युवा वर्ग का योगदान विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन प्रशिक्षण-वेबिनार का आयोजन किया गया. इसका अयोजन भागीदारी जन सहयोग समिति, राष्ट्रीय ख्यति प्राप्त स्वेच्छासेवी सामाजिक संस्था द्वारा लिंगयास विद्यापीठ एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर किया गया. कार्यक्रम में दिल्ली एवं हरियाणा की राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरणों की प्रमुख भागीदारी रही.

इस ऑनलाइन प्रशिक्षण-वेबिनार का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की सदस्या ज्योतिका कालरा ने कहा कि लैंगिक कि भावना पूरी तरह से हमारी सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सोच से आती है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुविधा देने एक नैतिकता एवं लैंगिक संवेदनशीलता है.

पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक कौस्तुभ शर्मा ने कहा कि युवाओं के हिंसक और आक्रामक व्यवहार को रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि युवाओं से जुड़े अपराधों के मामलों को पुलिस द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए .

युवा एवं खेल मंत्रालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के निदेशक जितेंद्र चढ्ढा ने कहा कि युवाओं को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के उद्देश्य के साथ मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय युवा जेंडर संवेदीकरण में मुख्य भूमिका निभाएगा.

चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, कैथल के सचिव दानिश गुप्ता ने लैंगिक संवेदनशीलता में प्राधिकरण की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का युवा खुशियों का प्रकाशस्तंभ है और इस लैंगिक पूर्वाग्रह के अंधकार हटकर सम्मान की रोशनी में हमें ले जा सकता है.

उद्घाटन सत्र में उत्तर प्रदेश की पुलिस महानिदेशक रेणुका मिश्रा ने कहा कि हमने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथान अधिनियम बनाया चाहिए, किन्तु आज भी बहुत सी महिलायें न्याय से वंचित है. उन्होंने कहा कि आज गांधी जी के तीन बंदर की सोच में बदलाव लाना होगा. बुरा होता देख चुप ना बैठकर एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी होगी.