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पेगासस केस: चीफ जस्टिस बोले- यह गंभीर मुद्दा, सोशल मीडिया नहीं कोर्ट में हो बहस

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नई दिल्ली. पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spy Case) को लेकर केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से शुक्रवार तक का समय मांगा है. पहले इस मामले में सरकार को कोर्ट ने 10 अगस्त तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने इसी बात को लेकर चिंता जताई कि याचिकाकर्ता इस मसले पर सोशल मीडिया पर बहस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि इस मसले पर कोर्ट में सुनवाई हो. अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

CJI ने कहा, ‘याचिकाकर्ता मीडिया में बयान दे रहे हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि सारी बहस कोर्ट में हो. अगर याचिकाकर्ता सोशल मीडिया पर बहस करना चाहते हैं तो ये उन पर है. अगर वो कोर्ट में आए हैं तो उन्हें कोर्ट में बहस करनी चाहिए. उन्हें कोर्ट पर भरोसा रखना चाहिए. जो बात है वो कोर्ट में कहे, एक समानांतर बहस सोशल मीडिया के जरिये न करें.’ चीफ जस्टिस ने सभी याचिकाकर्ताओं और वकीलों से कहा कि वो कोर्ट पर भरोसा रखें. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट मुद्दे को समझने के लिए कोई सवाल पूछे तो उसका गलत मतलब न निकालें. ये एक संगीन मुद्दा है इसलिए संजीदगी से काम लें.

CJI बोले- सिस्टम में भरोसा रखना चाहिए
वकील एमएल शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपनी याचिका में सुधार कर दोबारा दाखिल की है. वो इस मसले पर बहस करना चाहते थे लेकिन कोर्ट ने कहा कि आज वो मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं सोमवार को करेंगे. CJI ने कहा कि सिस्टम में भरोसा रखना चाहिए. कपिल सिब्बल ने CJI की बातों से सहमति जताई. सिब्बल वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश हो रहे हैं.

जासूसी के आरोप गंभीर
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि पेगासस के बारे में अगर रिपोर्ट सही है तो इससे संबंधित जासूसी के आरोप ‘गंभीर प्रकृति के’’ हैं. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने इजरायली स्पाइवेयर मामले की जांच का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं से पूछा था कि क्या उन्होंने इस बारे में आपराधिक शिकायत दर्ज करने का कोई प्रयास किया है.

क्या है पूरा मामला?
शीर्ष अदालत कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली नौ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. जिसमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों की याचिकाएं भी शामिल हैं. ये याचिकाएं इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके प्रमुख नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित जासूसी की रिपोर्ट से संबंधित हैं. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में थे. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपनी याचिका में पत्रकारों और अन्य की कथित निगरानी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने का अनुरोध किया है.