अगर आपको दिन-ब-दिन थकान ज्यादा महसूस होने लगी है या ब्रेन फॉग (Brain fog), वजन बढ़ना, ठंड लगना या बालों के झड़ने जैसी समस्या हो रही है तो आपको अपना थायरॉइड टेस्ट करा लेना चाहिए. इसके विपरीत अगर आपको बहुत ज्यादा पसीना आने लगा है और घबराहट होती है तो आपको बता दें कि हो सकता है यह सब आपकी थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland) की वजह से हो रहा हो. बता दें कि शरीर और दिमाग को रेगुलेट करने वाला ये थायरॉइड ग्लैंड असंतुलित भी हो जाता है, जिसकी वजह से शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है. Web MD वेबसाइट के मुताबिक जानते हैं कि शरीर में इसका काम क्या है, क्या है इससे जुड़ी समस्याएं और उनके लक्षण
शरीर में थायरॉइड ग्रंथि का क्या काम है?
सबसे पहले जान लीजिए थायरॉइड ग्रंथि क्या है. दरअसल, थायरॉइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो गर्दन के आगे के हिस्से में होती है. यह ग्लैंड हार्मोन पैदा करता है जो आपके मेटाबोलिज्म (Metabolism) की गति को नियंत्रित करता है. जानकारी के लिए बता दें कि मेटाबोलिज्म वह प्रणाली है जो शरीर को ऊर्जा का उपयोग करने में मदद करती है. थायरॉइड डिसऑर्डर्स (Thyroid Disorders) थायरॉइड हार्मोन (Thyroid hormone) के प्रोडक्शन को बाधित कर मेटाबोलिज्म को धीमा या संशोधित कर सकते हैं. जब हार्मोन का स्तर बहुत कम या बहुत अधिक हो जाता है, तो शरीर में कई तरह लक्षण दिखाई देने लगते हैं. आइए, जानते हैं क्या हैं ये लक्षण
वजन बढ़ना या कम होना
वजन में एक अस्पष्ट परिवर्तन थायरॉइड डिसऑर्डर के सबसे आम लक्षणों में से एक है. वजन बढ़ना थायरॉइड हार्मोन के नीचे गिरते स्तर का संकेत दे सकता है, जिसे हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है. वहीं अगर थायरॉइड शरीर की आवश्यकता से अधिक हार्मोन का उत्पादन करता है, तो अप्रत्याशित रूप से शरीर का वजन कम होने लगता है और इसे हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि हाइपोथायरॉइडिज्म एक आम विकार है.
गर्दन में सूजन
गर्दन में सूजन इस बात का संकेत है कि थायरॉइड में कुछ गड़बड़ हो सकती है. आपको बता दें कि गोइटर (Goiter) हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म के साथ हो सकता है. कभी-कभी गर्दन में सूजन थायरॉइड कैंसर या नोड्यूल, गांठ जो थायरॉइड के अंदर बढ़ती है, उसके कारण हो सकती है. हालांकि, यह थायरॉइड के अलावा किसी कारण से भी हो सकती है.
हृदय गति में परिवर्तन
थायरॉइड हार्मोन शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करते हैं और यह प्रभावित कर सकते हैं कि हृदय कितनी जल्दी धड़कता है. हाइपोथायरॉइडिज्म वाले लोगों की हृदय गति सामान्य से धीमी होती है. वहीं हाइपरथायरॉइडिज्म के कारण हृदय की गति तेज हो सकती है. यह बढ़े हुए रक्तचाप, पाउंडिंग हार्ट या पालपिटेशन (Pounding heart and palpitation) को भी ट्रिगर कर सकता है.
एनर्जी और मूड में बदलाव
थायराइड विकार आपके ऊर्जा स्तर और मनोदशा पर बहुत प्रभाव डाल सकते हैं. आपको बता दें कि हाइपोथायरॉइडिज्म लोगों को थका हुआ, सुस्त और उदास महसूस कराता है. वहीं हाइपरथायरॉइडिज्म चिंता, नींद न आने की समस्या, बेचैनी और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकता है.