प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत जम्मू-कश्मीर के राजौरी (Rajouri) में 12,000 लोगों को अपना घर बनवाने के लिए पहली किस्त के तौर पर 50,000 रुपये मिल गए हैं. रजौरी जिले के असिस्टेंट डेवलपमेंट कमिश्नर (रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट) एसके खजूरिया ने कहा कि हमने 100 फीसदी जरूरतमंद लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसी के तहत 12,000 लोगों को 50,000 रुपये की पहली किस्त दे दी गई है. इसके अलावा लाभार्थियों को स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के तहत 12,000 रुपये अतिरक्ति दिए जा रहे हैं.
‘दो साल में सभी कच्चे घर हो जाएंगे पक्के’
खजूरिया ने कहा कि आवास योजना के तहत लोगों को अपना घर बनाने में जम्मू-कश्मीर प्रशासन (Jammu-Kashmir Administration) की ओर से पूरी मदद की जा रही है. ये गरीबों के लिए बड़ी राहत की बात है. योजना का लाभ लेकर वे अपने पक्के मकान (Pucca House) में सुरक्षित रह सकते हैं. पंचायत अधिकारी अब्दुल खब्बीर ने कहा कि जिले में कुछ लोग ऐसे थे, जो अपना पक्का मकान नहीं बनवा पाए थे. केंद्र सरकार (Central Government) के आदेश के बाद प्रशासन ने उनके पक्के घर बनवाने में मदद करना शुरू कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि दो साल के भीतर सभी कच्चे मकानों को पक्के घरों में तब्दील कर दिया जाएगा.
आवास योजना के तहत बनने वाले घरों में शौचालय निर्माण सुनिश्चित कराने के लिए अलग से 12,000 रुपये दिए जा रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2022 तक सबको घर मुहैया कराने की योजना बनाई है. इस योजना का भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में जमकर प्रचार किया था. माना जाता है कि चुनाव में बीजेपी को मिली जबरदस्त जीत में इस योजना का भी काफी योगदान है. हाल में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत देश में घरों के निर्माण का कार्य शुरू होने पर करीब 3.65 करोड़ लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
काम की निगरानी करेंगे ग्राम रोजगार सेवक
कोविड-19 के कारण पीएम आवास योजना के तहत मकान बनाने का काम रोक दिया गया. अब लॉकडाउन और पाबंदियों में मिली छूट के बाद कुछ आवास निर्माण कार्य फिर शुरू हो गया है. योजना के तहत लोगों को अलग-अलग समय पर आर्थिक मदद दी जाती है. पहली किस्त के तौर पर मिले 50 हजार रुपये से वे निर्माण कार्य शुरू करा सकेंगे. इसके बाद जैसे-जैसे काम बढ़ता जाएगा, उन्हें योजना के तहत किस्तें मिलती जाएंगी. समय-समय पर ग्राम रोजगार सेवक (GRS) मौके पर जाकर निर्माण कार्य का जायजा भी लेगा. इससे सरकार को पैसे के सही इस्तेमाल की निगरानी करने में मदद मिलेगी.