देश के 29 इलाकों में बाढ़ (Flood) का खतरा मंडरा रहा है. नदियों (River) का उफान खतरे के निशान पर पहुंच गया है. सभी इलाकों को सीवियर कंडीशन (ऑरेंज ज़ोन) में रखा गया है. 30 अन्य इलाके भी यलो ज़ोन में आ गए हैं. यहां भी बाढ़ का खतरा 2 से 3 मीटर दूर है.
ओडिशा, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश (UP), तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में रुक-रुककर तेज़ बारिश हो रही है. जिसके चलते 41 बैराज और बांधों (Dam) से पानी छोड़ा जा सकता है. इसके चलते भी नदियों के पानी में और उफान आ सकता है. बाढ़ की आशंका को लेकर केंद्रीय जल आयोग (Central water commission) ने फोरकास्ट जारी किया है.
देश में यहां बिगड़ सकते हैं बाढ़ के हालात
बाढ़ की आशंका को लेकर केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी किए गए फोरकास्ट के बाद करीब 12 से अधिक राज्यों में हड़कंप मच गया है. देश के 29 इलाकों में नदियों के पानी का उफान खतरे के निशान से सिर्फ एक से डेढ़ मीटर दूर रह गया है. इन 29 इलाकों में बिहार के 16, असम के 4, उत्तर प्रदेश के 4 और आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 1-1 इलाके हैं. वहीं 30 इलाके ऐसे भी हैं जहां नदियों का उफान खतरे के निशान से 2 से 3 मीटर दूर है. इनमें बिहार के 9, असम के 9, उत्तर प्रदेश के 6, तेलंगाना के 3, आंध्र प्रदेश के 2 और अरुणाचल प्रदेश में एक इलाका है.
41 बैराज-बांध से पानी छोड़े जाने से यहां बढ़ सकता है खतरा
बेशक अभी ऑरेंज ज़ोन के 29 और यलो ज़ोन के 30 इलाकों में बाढ़ का खतरा कुछ ही दूरी पर है. लेकिन लगातार बारिश के चलते 41 बैराज और बांध में लगातार पानी बढ़ रहा है. एक तय सीमा तक पानी बढ़ने के बाद बैराज और बांध से पानी छोड़ा जा सकता है. जिसके चलते नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार जिन 41 बैराज और बांधों से पानी छोड़ा जाना है उसमें कर्नाटक के 13, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के 5-5, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना और झारखंड के 3-3 और छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा के 1-1 बैराज-बांध के बारे में फोरकास्ट जारी किया है.
इन इलाकों में जारी किया गया है अलर्ट
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि बारिश के मौजूदा हालात को देखते हुए गोदावरी नदी और उसकी सहायक नदियों जैसे इंद्रावती एवं सबरी का जल स्तर फिर से बढ़ने की संभावना है. ओडिशा के नवरंगपुर, कोरापुट, मलकानगिरी, छत्तीसगढ़ के बस्तर, सुकमा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली, चंद्रपुर ज़िलों में निरंतर पैनी निगरानी रखी जा रही है.