Home हेल्थ प्राकृतिक तौर पर बढ़ेगी आंखों की रोशनी, रुटीन में शामिल करें ये...

प्राकृतिक तौर पर बढ़ेगी आंखों की रोशनी, रुटीन में शामिल करें ये योगासन

63
0

आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल (Lifestyle) में समय और उम्र से पहले ही आंखों की रौशनी (Eyesight) कमजोर होने लगी है. इसकी कई वजह हो सकती हैं. मगर एक अहम वजह यह भी है कि ऑफिस में लगातार कंप्‍यूटर पर आंखें गड़ाए रहने से भी आंखों पर काफी असर पड़ा है. इनमें जलन, ड्राइनेस (Dryness) जैसी समस्‍याएं बढ़ रही हैं. इसके अलावा दूर और पास की नजर कमजोर होना भी आम है.

आंखों की रौशनी बढ़ाने और इन्‍हें अन्‍य दिक्‍कतों से बचाने के लिए जरूरी है कि इनका पूरा ख्‍याल रखा जाए. इसके लिए जहां खान-पान पर ध्‍यान देना जरूरी है, वहीं आंखों की रौशनी (Eyesight) बढ़ाने वाले कुछ योग आसन (Yoga Posture) भी हैं, जो करने चाहिए. आज हम आपको कुछ ऐसे ही योगासन बताने जा रहे हैं, जो आपकी आंखों की रौशनी को बढ़ाने में मददगार होंगे और इनसे जुड़ी अन्‍य समस्‍याओं को भी दूर करेंगे.

ताली बजाना (Palming): इसके लिए सबसे पहले अपनी आंखें बंद करके शांत मुद्रा में बैठ जाए. इसके बाद गहरी सांसें लें. अब अपनी हथेलियों को इतनी तेजी से रगड़ें कि वे गर्म हो जाएं और फिर इन्हें आराम से अपनी पलकों के ऊपर रख दें. अब हथेलियों की गर्माहट को आंखों और आंखों की मांशपेशियों में महसूस करें. जब तक हाथों की गर्माहट पूरी तरह आंखें न ले लें, तब तक इसी स्थिति में रहें. इसके बाद अपनी आंखों को बंद रखें और अपने हाथ नीचे रख लें. याद रखें इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं.

पलकें झपकाना (Blinking): आप आराम से बैठ जाएं और अपनी आंखों को खोले रखें. अब अपनी आंखों को तेजी से कम से कम दस बार झपकाएं. इसके बाद 20 सेकेंड्स तक अपनी आंखे बंद रख कर इन्‍हें आराम दें. इसे कम से कम पांच बार दोहराएं.

बगल की ओर देखना (Sideways Viewing): अपने पैरों को शरीर की सीध में रखते हुए बैठ जाएं. अब अपने हाथों की मुट्ठियां बंद करें और अंगूठा ऊपर रखते हुए अपने हाथों को उठाएं. अपनी आंखों की समानांतर ऊंचाई पर स्थित बिंदु को ध्यान से देखें. अपने सिर को हिलाएं-डुलाएं नहीं. अब अपनी आंखों को बारी-बारी से एक किनारे से दूसरे किनारे पर केंद्रित करें. इस व्यायाम को 10 से 20 बार दोहराएं. इसके बाद अपनी आंखें बंद कर लें और इन्‍हें आराम दें. इसमें इस बात का ध्‍यान रखें कि तटस्थ अवस्था में सांसों को अंदर की ओर लें और किनारे की ओर देखते हुए सांसों को छोड़ें.

सामने और किनारे की तरफ देखना (Front and Sideways Viewing): सबसे पहले अपने पैरों को शरीर की सीध में रखते हुए बैठ जाएं. बाएं हाथ से मुट्ठी बांधें. मगर हाथ का अंगूठा ऊपर की ओर निकला रहना चाहिए. इसके बाद अपने हाथ को बाएं घुटने पर रख लें. अब अपनी नजर को बाएं अंगुठे पर केंद्रित रखें और सांस को बाहर छोड़ें. अपनी आंखों की सीध में ऊंचाई पर स्थित बिंदु पर ध्यान लगाएं. अब यही प्रक्रिया अपने दाएं हाथ के अंगूठे के साथ दोहराएं. इसके बाद अपनी आंखें बंद कर लें और इन्‍हें आराम दें