सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL) को जून तिमाही के नतीजों में जबरदस्त मुनाफा हुआ है. ये मुनाफा ऐसे समय में हुआ है जब सरकार कंपनी को बेचने में जुटी हुई है. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में सरकार को बीपीसीएल (Bharat Petroleum Corporation Limited) में अपनी समूची 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दी थी.
डबल हुआ BPCL का मुनाफा
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में बीपीसीएल का मुनाफा लगभग दोगुना होकर 2,076 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि साल भर पहले इसी तिमाही में उसे 1,075 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. बीपीसीएल के मुताबिक भंडार में रखे कच्चे तेल पर हुए फायदे ने उसके रिफाइनिंग मार्जिन और ईंधन बिक्री में हुए नुकसान की भरपाई कर दी है.
देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी बीपीसीएल के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है. बीपीसीएल के लिए रुचि पत्र (EOI) जमा करने की डेडलाइन 30 सितंबर है. यह तीसरा मौका है जब सरकार ने ईओआई जमा कराने की तारीख को आगे बढ़ाया है. ईओआई के जरिए ये मालूम होता है कि कौन-कौन सी कंपनियां या निवेशक बोली लगाने को इच्छुक हैं.
सरकार बेच रही पूरी हिस्सेदारी
सरकार ने बीपीसीएल में अपनी समूची हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव किया है. सरकार के पास कंपनी के 114.91 करोड़ शेयर हैं जो कंपनी की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. इसके अलावा रणनीतिक खरीदार को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी ट्रांसफर किया जाएगा. वित्त वर्ष 2020- 21 के लिए सरकार ने विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बड़ा लक्ष्य रखा है. यही वजह है कि इसी साल जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का भी आईपीओ आने वाला है. आईपीओ के जरिए एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी कम होगी. वहीं, एअर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया भी चल रही है.