पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) जैसे उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में भी भारतीय सेना (Indian Army) सुरक्षा के इंतजामों को पुख्ता करने में लगी हुई है. अपने सैनिकों को अत्यधिक मोबाइल बख्तरबंद सुरक्षा वाहन उपलब्ध कराने के लिए भारतीय सेना, अमेरिकी स्ट्राइकर इन्फैंट्री कॉम्बिनेशन व्हीकल और हम्वे के साथ-साथ स्वदेशी टाटा व्हीकल आर्मर्ड प्रोटेक्शन सहित तीन अलग-अलग वाहनों को चुनना चाहती है. पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सैनिकों की त्वरित आवाजाही के लिए बख्तरबंद वाहनों की आवश्यकता है, जहां चीन (China) ने बड़ी संख्या में अपने बख्तरबंद कर्मियों के वाहक तैनात किए हैं.
रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया बल ने उन तीन विकल्पों पर गौर किया है जिनमें टाटा व्हैप और अमेरिकी स्ट्राइकर और हम्वे शामिल हैं. फिलहाल इन तीनों ही विकल्पों का बल द्वारा मूल्यांकन किया जा रहा है और जल्द ही इस संबंध में फैसला लिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान, सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी मंच निश्चित रूप से विदेशी उत्पादों पर वरीयता देगा. टाटा वाहन अभी सेवा में प्रवेश करने वाले हैं, वहीं स्ट्राइकर और हम्वे लंबे समय तक अमेरिकी रक्षा बलों का हिस्सा रहे हैं.
चीन की किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार भारतीय सेना
डीआरडीओ (DRDO) प्रयोगशाला के साथ सह-विकसित किए गए टाटा WhAP ने हाल के दिनों में कई परीक्षणों को अंजाम दिया है, जिसमें ऊंचाई वाले परीक्षण शामिल हैं. स्ट्राइकर्स और हम्वे कथित तौर पर सी -130 जे और सी -17 से ट्रांसपोर्ट सहित परिवहन विमान से गिराए जाने में सक्षम हैं, जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा भी संचालित किया जाता है.
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध को देखते हुए, चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई स्थानों जैसे गल्वान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 सहित भारी वाहनों का उपयोग करते हुए बख्तरबंद कार्मिक वाहक समेत आ गए थे. भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में रूसी मूल के बीएमपी पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों का उपयोग करती है, जिनका उपयोग भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट द्वारा रेगिस्तान, मैदान, और ऊंचाई वाले स्थानों में किया जाता है.
इससे पहले खबर आई थी कि चीन (China) ने लद्दाख (Ladakh) में दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldi- DBO) और देपसांग मैदानों के विपरीत दिशा में 17,000 से अधिक सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों (armored vehicles) की तैनाती की है. इसके बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की ओर से किये जाने वाले किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए भारत ने इन क्षेत्रों में सैनिकों और टैंक रेजीमेंटों (Troops and Tank Regiments) की भारी तैनाती की है.