पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का असर भारत के साथ ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ा है. COVID-19 का आर्थिक प्रभाव काफी चर्चा में रहा है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इतिहास में अपने सबसे खराब दौर से गुजरेगी. भारत कोई अपवाद नहीं है और इस प्रवृत्ति को कम नहीं कर सकता है. हालांकि अनुमान अलग-अलग हैं और यह स्पष्ट है कि कई दशकों में पहली बार भारत की अर्थव्यवस्था में संकुचन होगा. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस की मार से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए भारत के विश्वास का पुनर्निर्माण और अर्थव्यवस्था को रिवाइव करना होगा.
द हिन्दू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ये हमारे देश और दुनिया के लिए असाधारण कठिन समय हैं. COVID-19 से लोग बीमारी और मौत के भय के चपेट में हैं. यह भय सर्वव्यापी है. कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश की अक्षमता और बीमारी के लिए एक पुष्ट इलाज के अभाव ने लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. लोगों में इस तरह की चिंता की भावना समाज के कामकाज में जबरदस्त उथल-पुथल पैदा कर सकती है. नतीजतन सामान्य सामाजिक व्यवस्था में उथल-पुथल से आजीविका और बड़ी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी.