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New Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति में बदल जाएंगी बोर्ड परीक्षाएं, छात्रों पर ऐसे पड़ेगा फर्क

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देश में जहां एक तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) की वजह से छात्र ऑनलाइन शिक्षा को लेकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Education Minister) ने नई शिक्षा नीति जारी कर दी है. इस नई शिक्षा नीति में काफी बड़े बदलाव किए गए हैं.

नई शिक्षा नीति के तहत इस बात का ध्यान रखा गया है कि सभी को समान शिक्षा मिल सके. अमेरिका की तरह मल्टीपर एंट्री और एक्जिट का भी सिस्टम डेवलप करने की कोशिश की गई है जिससे छात्र अपने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को बीच में ही छोड़ पाएं और फिर से उसे कॉन्टीन्यू भी कर पाएं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर शिक्षा को लेकर क्या बड़े बदलाव इसमें किए गए हैं-

सभी स्कूलों में परीक्षाएं सेमेस्टर वाइज़ होंगी. कॉलेजों में सिलेबस को उसके कोर नॉलेज तक सीमित रखा जाएगा और ज्यादा फोकस प्रैक्टिकल और एप्लीकेशन वाले हिस्से पर रखा जाएगा.
यूनिवर्सिटीज़ अब क्रेडिट सिस्टम पर काम करेंगी. इसलिए एफिलिएटेड यूनवर्सिटीज़ को क्रेडिट के आधार पर ऑटोनमी मिलेगी. उदाहरण के लिए ए ग्रेड की यूनिवर्सिटी को ग्रेड-बी यूनिवर्सिटी की तुलना में ज्यादा स्वायत्तता होगी.
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अब न सिर्फ साइंस बल्कि सोशल साइंस के प्रोजेक्ट्स की भी फंडिंग करेगा.
10+2 बोर्ड स्ट्रक्चर को खत्म कर दिया गया है. अब नया स्कूल स्ट्रक्चर 5+3+3+4 होगा, जिसके तहत 5वीं तक प्रि-स्कूल, 6वीं से 8वीं तक मिड स्कूल, 8वीं से 11वीं तक हाई स्कूल और 12वीं से आगे ग्रेजुएशन होगा.
हर डिग्री चार साल की होगी. 6ठीं कक्षा से ही वोकेशनल कोर्सेज उपलब्ध होंगे और 8वीं कक्षा से ही छात्र अपने सब्जेक्ट का चुनाव कर पाएंगे.
सभी ग्रेजुएशन कोर्स में में ‘मेजर’ और ‘माइनर’ का डिवीज़न होगा. जैसे साइंस का स्टूडेंट फिजिक्स को मेजर सब्जेक्ट और म्यूजिक को माइनर सब्जेक्ट के रूप में चुन पाएगा. साथ ही किसी भी सब्जेक्ट को चुना जा सकेगा.
UGC AICTE को मर्ज किया जाएगा और सभी हायर एजुकेशन को एक ही अथॉरिटी गवर्न करेगी.
सरकारी, प्राइवेट, ओपन, डीम्ड या दूसरी हर तरह की यूनिवर्सिटीज़ पर एक ही तरह के ग्रेडिंग व दूसरे रूल्स लागू होंगे.
सभी तरह के टीचर्स के लिए नया टीचर ट्रेनिंग बोर्ड स्थापित किया जाएगा.
बोर्ड परीक्षाओं को ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव में बदला जाएगा ताकि छात्रों के नॉलेज को टेस्ट किया जा सके. संक्षिप्त में कहें तो सिर्फ रट के पास होना अब मुश्किल होगा.