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भारत ने बांग्लादेश को दिए आधुनिक डिजाइन के 10 लोटोमोटिव इंजन

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भारत ने रिश्ते बेहतर करने के लिए सोमवार को बांग्लादेश (Bangladesh) को 10 लोकोमोटिव इंजन (Locomotive Rail Engine) सौंपे. ये सारे इंजन भारत में बने (Made in India) हैं. इस मौके पर दोनों के विदेश मंत्री, रेल मंत्री समेत तमाम अधिकारियों ने द्विपक्षीय संबंध (Bilateral Relationship) को और आगे ले जाने की बात कही. भारत और बांग्लादेश रेलवे 1996 से रेलवे के विकास के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. 1996 में भारत ने पहली बार बांग्लादेश को बनारस के DLW में बने 10 मीटर गेज के रेलवे इंजन दिए थे.

दो दशक के दौरान कई बार भारत ने दिए इंजन और कोच
2001 से 2014 के बीच भी भारत ने बांग्लादेश को 40 ब्रॉड गेज के इंजन निर्यात किए थे. साल 2016-17 में भारत ने बांग्लादेश को 120 पैसेंजर कोच एक्सपोर्ट किए थे. और अब फिर से भारत ने बांग्लादेश को 10 इंजन निर्यात किए हैं. इन सभी इंजन की उम्र 28 साल है. ये इंजन 3300 HP की ताकत के हैं और 120 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन को पटरी पर खींच सकते हैं. इन इंजनों से पैसेंजर ट्रेन के साथ ही मालगाड़ी भी खींची जा सकती है.

आधुनिक डिजाइन के इंजन जो ड्राइवरों के लिए होंगे सुविधाजनक

ये आधुनिक डिजाइन के इंजन हैं और ड्राइवर के लिए काफी सुविधाजनक हैं और सुरक्षित हैं. इन इंजनों का मेंटेनेंस काफी आसानी से और कम समय में हो सकता है. भारतीय ने इन इंजनों के बांग्लादेश में चलने के लिहाज से इनकी ऊंचाई भी बढ़ाई है. भारत-बांग्लादेश को रेलवे से जुड़े इंजन और डब्बे के निर्यात और उनके मेंटेनेंस के लिए लगातार कोशिश करता है, ताकि दोनों देशों रेलवे के संबंध और बेहतर हो सके.

गौरतलब है कि हाल में बांग्लादेश के पाकिस्तान और चीन की तरफ झुकाव को लेकर कई खबरें मीडिया में आई हैं. 1971 में आजाद होने के बाद से ही बांग्लादेश पारंपरिक तौर पर भारत का मित्र देश माना जाता रहा है.