प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को तीन शहरों- मुंबई (Mumbai), कोलकाता (Kolkata) और नोएडा (Noida) में कोविड-19 की जांच (Covid-19 Testing Labs) के लिए तीन हाईटेक लैब्स का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के बाद दिए अपने संबोधन में कहा कि देश के करोड़ों नागरिक कोरोना से बहुत बहादुरी से लड़ रहे हैं. आज जिस हाईटेक स्टेट ऑफ आर्ट टेस्टिंग फेसिलिटी की शुरुआत हुई है, उससे पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलने वाली है.
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली- एनसीआर, मुंबई और कोलकाता, आर्थिक गतिविधियों के बड़े सेंटर हैं. यहां देश के लाखों युवा अपने करियर को, अपने सपनों को पूरा करने आते हैं. अब इन तीनों जगह टेस्ट की जो उपलब्ध कैपेसिटी है, उसमें 10 हज़ार टेस्ट की कैपेसिटी और जुड़ने जा रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हाईटेक लैब्स सिर्फ कोरोना टेस्टिंग तक ही सीमित रहने वाली नहीं हैं. भविष्य में, Hepatitis B और C, HIV, डेंगू सहित अनेक बीमारियों की टेस्टिंग के लिए भी इन लैब्स में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि इन टेस्टिंग लैब्स से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोविड से लड़ाई में काफी फायदा होगा.
कोरोना से लड़ाई में भारत ने तेजी से किया काम
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ कोरोना के हिसाब से निर्धारित स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण हो. इसी वजह से बहुत शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी.
पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ाई में भारत के तेजी से काम करने के बारे में कहा कि आइसोलेशन सेंटर हों, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल हों, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हो, भारत ने बहुत ही तेज़ गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया. उन्होंने कहा कि आज भारत में 11 हजार से ज्यादा कोविड सुविधाएं हैं, 11 लाख से ज्यादा आईसोलेशन बेड हैं.
ऐसे बढ़ीं भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं
पीएम मोदी ने बताया कि जनवरी में जहां हमारे पास कोरोना टेस्ट के लिए मात्र एक सेंटर था, वहीं आज करीब 1300 लैब काम कर रही हैं. आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं. आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है.
कोरोना के आंकड़ों को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 10 लाख के करीब पहुंचने वाली है. कोरोना के खिलाफ इस लंबी चलने वाली लड़ाई में कोरोना के हिसाब से निर्धारित बुनियादी चिकित्सीय सुविधाओं की जरूरत थी जिसे तेजी से बनाया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है. इस संकल्प ने भारत को अच्छे परिणाम दिए हैं. उन्होंने कहा कि विशेषकर पीपीई, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो एक बड़ी सफलता की कहानी है.
स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आत्मनिर्भर हो रहा भारत
प्रधानमंत्री ने बताया कि 6 महीने पहले देश में एक भी पीपीई किट मैन्यूफैक्चरर नहीं था. आज 1,200 से ज्यादा मैन्यूफैक्चरर हर रोज 5 लाख से ज्यादा PPE किट बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक समय भारत N-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था. आज भारत में 3 लाख से ज्यादा N-95 मास्क हर रोज बन रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा सभी के सामूहिक प्रयासों से न सिर्फ लोगों का जीवन बच रहा है, बल्कि जो चीजें हम आयात करते थे, देश आज उनके एक्सपोर्टर बनने जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश में मानव संसाधन को तैयार करना. जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, एएनएम, आंगनबाड़ी और दूसरे स्वास्थ्य और सिविल कामगारों को प्रशिक्षित किया गया, वो भी अभूतपूर्व है.
मिलकर लड़नी है कोरोना से लड़ाई
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे कोरोना योद्धा किसी भी तरह की थकान का शिकार न हों. नए या रिटायर्ड जो भी हेल्थ प्रोफेशनल इस सेवा के लिए आगे आना चाहते हैं, ऐसे लोगों को हेल्थ सिस्टम से जोड़ने के लिए लगातार काम करना होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बहुत से त्योहार आने वाले हैं. हमारे ये उत्सव, उल्लास का कारण बनें, लोगों में संक्रमण न फैले इसके लिए हमें हर सावधानी रखनी है. पीएम ने कहा कि हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी न हो.