केरल गोल्ड स्मगलिंग मामले (Kerala gold smuggling case) में आरोपी स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) और संदीप नायर की एनआईए हिरासत (NIA custody) 24 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. जिसके बाद सुरेश ने विशेष एनआईए अदालत (NIA Court), एर्नाकुलम में जमानत याचिका दायर की है. अपनी जमानत अर्जी में, स्वप्ना सुरेश ने दावा किया है कि इस मामले में यूएपीए (UAPA) के तहत अपराध नहीं किए गए हैं. आवेदन में यह भी कहा गया है कि, “यह मामला राज्य और केंद्र सरकारों (State and Central Government) के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा है, जो मीडिया (Media) की ओर से प्रसारित रंगीन और काल्पनिक कहानियों से प्रेरित हुआ है.”
स्वप्ना सुरेश के वकील (Advocate) जियो पॉल ने कहा कि जमानत याचिका (Bail Plea) पर 24 जुलाई को विचार किया जाएगा. जमानत अर्जी (bail application) में कहा गया है, “UAPA की धारा 15, 16 और 17 के तहत अपराध को साबित करने के लिए कुछ प्रथम दृष्टया (Prima Facie) सबूत होने चाहिए कि आरोपी ने जानबूझकर कोई कृत्य किया है, जो कि धारा 15 में वर्णित किसी एक स्लॉट के तहत आएगा.”
FIR, रिमांड रिपोर्ट या हिरासत आवेदन के बारे में कुछ नहीं कहता
आवेदन में आगे कहा गया है कि FIR, रिमांड रिपोर्ट या हिरासत आवेदन इस याचिकाकर्ता की सहभागिता के बारे में कुछ नहीं कहता है.
आवेदन में कहा गया है, “एक बिना वजह अनुमान के अलावा, यह सुझाने के लिए कुछ भी नहीं है कि तस्करी से आई आय का आतंक फैलाने के इरादे से उपयोग, या इरादा किया गया था, या इसके लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता था, या लोगों या किसी भी वर्ग के लोगों में आतंक को भरने की इससे संभावना थी. भारत या किसी भी विदेशी देश की उच्च गुणवत्ता वाली करेंसी, सिक्का या किसी अन्य सामग्री के उत्पादन या तस्करी या संचालन के माध्यम से भारत के मौद्रिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाया जाना था.”