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ट्रेन टिकट कंफर्म करवाने के लिए लगवा रहें कोटा, आएगा एक फोन और Ticket हो जाएगा कैंसिल, कार्रवाई होगी अलग से

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भारतीय रेलवे अब टिकट बुकिंग में होने वाले फर्जीवाड़े और दलाली पर लगाम लगाने के लिए कमर कस चुका है. हाल ही में सामने आए दो बड़े मामलों ने रेलवे को अपनी कोटा प्रणाली को पारदर्शी बनाने और बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए सक्रिय कर दिया है. इन मामलों में एक तो फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल कर टिकट बुक करने का है, वहीं दूसरा, गोरखपुर में रेलवे हेड ऑफिस (HO) कोटा से बुक किए गए टिकटों में बड़े पैमाने पर अनियमितता का खुलासा है. ऐसे में अगर आप भी अपनी ट्रेन टिकट कंफर्म कराने के लिए कोटा लगवा रहे हैं तो सावधान हो जाएं. कहीं ऐसा ना हो कि किसी के चक्‍कर में आकर मामला उल्‍टा ही ना पड़ जाए.
रेलवे अब गोरखपुर में HO कोटा से बुक हो रहे टिकटों की जांच के लिए रैंडम कॉल गानेलिंग का सहारा ले रहा है. इस प्रक्रिया के तहत यात्रियों को कन्फर्मेशन से पहले रेलवे कर्मी फोन करेंगे. यदि पूछताछ में कोई संदिग्ध जवाब मिलता है, तो टिकट तत्काल रद्द कर दिया जाएगा. इसके साथ ही कोटा भेजने वाले से भी गहन पूछताछ की जाएगी. यह कदम दलालों की पहचान करने और कोटा के गलत इस्तेमाल को रोकने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. रेलवे का मानना है कि यात्रियों से सीधा संवाद दलाली रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
रेलवे में टिकट कंफर्मेशन की नई व्यवस्था की शुरुआत
रेल प्रशासन ने बताया है कि इस नई व्यवस्था की शुरुआत दिल्ली और मुंबई जाने वाली प्रमुख ट्रेनों में की जा रही है. HO कोटा से जिन यात्रियों को सीट आवंटित की जाएगी, उनके डेटा को सिस्टम में फीड करने से पहले रेलकर्मी टिकट प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी भी लेंगे. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोटा का आवंटन सही तरीके से और पारदर्शी ढंग से हो रहा है.

हाल ही में दादर एक्सप्रेस में हुए फर्जीवाड़े ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है. छह जून को गोरखपुर से LTT जा रही दादर एक्सप्रेस में HO कोटा से एक ही PNR में पांच टिकट कन्फर्म कराए गए थे. यह टिकट रेल राज्यमंत्री के पी-2 के नाम पर फैक्स के जरिए भेजे गए थे. जब टीटीई ने फॉर्म भरवाकर पूछताछ की तो यात्रियों ने बताया कि उन्हें टिकट 5500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से एक एजेंट ने दिलवाए थे. यह साफ तौर पर दर्शाता है कि कैसे दलाल VIP कोटे का दुरुपयोग कर रहे थे और यात्रियों से मोटी रकम वसूल रहे थे.
रेलवे की विजिलेंस टीम इन दोनों ही मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है. इन खुलासों के बाद रेलवे अब कोटा व्यवस्था को पूर्णतः पारदर्शी बनाने और दलाली को जड़ से खत्म करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.