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पांच फॉरेन यूनिवर्सिटी ने भारत में कैंपस खोलने की घोषणा की, दिसंबर से एडमिशन संभव

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विदेश में पढ़ाई करने का सपना देखने वाले स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है. जो खर्चे की वजह से विदेश जाकर नहीं पढ़ पाएं उनके लिए अब फॉरेन यूनिवर्सिटी इंडिया में खुलने जा रही है. पांच देशों की यूनिवर्सिटी कैंपस भारत में खुलने जा रहा है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इटली के प्रमुख विश्वविद्यालयों को औपचारिक रूप से LOI जारी किए हैं, जिससे उन्हें मुंबई और नवी मुंबई क्षेत्रों में कैंपस स्थापित करने की अनुमति मिल गई है.

ये रहे यूनिवर्सिटी के नाम
मुबई में आयोजित एक समारोह में यह कार्यभार सौंपा गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की, साथ ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अन्य उपमुख्यमंत्री, वर्तमान में यूजीसी के कार्यवाहक अध्यक्ष विनीत जोशी, भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा अन्य लोग भी उपस्थित थे. एलओआई प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों में यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क (यूके), यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (यूडब्ल्यूए), यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन (यूके), इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूएसए) और आईईडी इस्टिटूटो यूरोपियो डी डिजाइन (इटली) शामिल हैं. इसके अलावा, यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया चेन्नई में अपना दूसरा कैंपस भी स्थापित करेगी.

कैंपस खोलने की मिल गई मंंजूरी
एबरडीन विश्वविद्यालय ब्रिटेन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से पहला है और भारत में कैंपस परिसर के लिए अनुमति प्राप्त करने वाला पहला स्कॉटिश विश्वविद्यालय है. यह प्रस्ताव अब अगले महीने मंजूरी के लिए विश्वविद्यालय के शासी निकाय न्यायालय में जाएगा. एलओआई जारी करना भारत में उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके साथ ही प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालयों को देश में अपने परिसर स्थापित करने के लिए आधिकारिक हरी झंडी मिल गई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यूजीसी द्वारा लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) सौंपे जाने के बाद, विश्वविद्यालयों के पास अब 18 महीने का समय है, जिसके भीतर वे नए कोहोर्ट के लिए प्रवेश की घोषणा कर सकते हैं. उम्मीद है कि इनमें से अधिकांश संस्थानों के लिए प्रवेश चक्र दिसंबर 2026 से पहले शुरू हो जाएगा.