गढ़वा (एजेंसी) ! झारखंड राज्य के गढ़वा जिला के प्रखंड भंडरिया अंतर्गत पंचायत मदगडी क में सरकारी राशि का दुरपयोग करने का 150 ग्रामीणों ने उपविकास आयुक्त गढ़वा को आवेदन देकर जांच कर करवाई करने का मांग किया है | ग्रामीणों ने आवेदन देकर बताया है कि मदगडी पंचायत के मुखिया पति भंडरिया प्रखंड के पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष है जो की मुखिया प्रेमी देवी और राजू नायक दोनों पति-पत्नी फर्जी ग्राम सभा तथा कार्यकरणी कर अपने चहेते लोगों को योजना चयन करते हैं जहां तक बात है कि ग्रामीण को सुचना भी नहीं दिया जाता है अपने खुद बैठ कर एवं चहेता लोगों को बैठकर कर योजना चयन कर लेते हैं ग्रामीण का आरोप है कि मुखिया पति राजू घासी द्वारा बीस सूत्री का धौंस देखा कर अनुपयोगी योजना चयन कर सरकारी राशि का दुरपयोग किया जा रहा है चाहें वह मनरेगा योजना हों या फिर 15वें वित्त का योजना हों सभी योजना में अपने चहेते लोगों के साथ पार्टनर सीप करते हैं | केस (1) अबुआ आवास योजना में सिर्फ अपने चहेते लोगों को पैसा लेकर योजना दिया गया| केस 2, मनरेगा योजना में दीदी बाड़ी योजना में केवल सभी अपने चहेते लोगों के एक उनके परिवार के सदस्य को योजना का लाभ दिया गया है | केस (3), नाली निर्माण जाहां जरूरत नहीं है वहां नहीं निमार्ण किया जा रहा है सड़क पर निमार्ण कार्य किया जा रहा है जिसकी कोई जरूरत नहीं है केवल लाभुक समिति के साथ पार्टनर के लिए इस प्रकार का योजना चयन किया गया है| केस (4), वर्ष 2022-23 में बैगर नल मरम्मती किये हुए 31नल मरम्मत के नाम पर भेडर के जी एन गढ़वा के खाता में राशि डाल कर बंदरबांट कर लिया गया पंचायत भवन का चापा नल खुद मरम्मती नहीं होने का प्रमाण दे रहा है जो की गेट के अंदर ताला बंद में रहता है ग्रामीणों का आरोप है कि योजना में अनियमित घटिया निर्माण अनुउपयोगी योजना का विरोध करने पर मुखिया पति सह बीस सूत्री अध्यक्ष राजू घासी द्वारा धमकी दिया जाता है जाहां जाना है जाएं कुछ नहीं होगा आप लोग जैसा बहुत देखे है सभी बातों को देखते हुए ग्रामीणों ने वर्ष 2022 से 2025 तक कराएं गये सभी योजनाओं का जांच करने का आवेदन दिया है जिससे पता चलेगा किस किस योजना में अनियमित हुआ है या नहीं हुआ है अब तो यह जांच के बाद ही पता चलेगा आवेदन करता राजेश साव अमरित साव पचु उरांव राजनाथ उरांव शंकर राम सुदामा महतो करमन सिंह सैकड़ों जनता आवेदन देकर जांच का मांग किया है | पूर्व में रोजगार सेवक शुशील एका ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर कहा था कि मुखिया और मुखिया पति द्वारा बैगर रोजगार सेवक से सत्यापित किये मनरेगा में अपने चहेते लोगों को भुगतना किया जा रहा है जबकि मजदूर काम ही नहीं किया है | इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी से प्रतिक्रिया हेतु फोन पर सम्पर्क करने का कोशिश किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया |