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राहत सामग्रियों के वितरण अनियमितता को लेकर मुंगेली CMO का हुआ घेराव… कुछ पार्षदों और अधिकारियों पर लगा जरूरतमंदों को छोड़ समर्थकों और चहेतों को राहत सामाग्री देने का आरोप… कोतवाली प्रभारी आशीष अरोरा की तत्परता से मामला हुआ शांत..

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मुंगेली / नगर पालिका के एंड्रूज वार्ड में रामगढ़ रोड के पास कुछ वार्डवासियों के द्वारा शुक्रवार को मुंगेली नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी का घेराव करते हुए अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए राहत सामग्रियों के वितरण में हो रहे अनियमितता की शिकायत की गई। एंड्रूज वार्ड के रहवासियों द्वारा किये गए घेराव से जूझते हुए राहत कार्य मे लगे अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई, कोतवाली प्रभारी आशीष अरोरा ने बड़ी मुस्तैदी से अपने आरक्षकों के साथ मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल घटना स्थल में पहुँच गए और वार्डवासियों को समझाइश देकर मामलें को शांत करवाया गया, वही कोतवाली टी आई आशिष अरोरा द्वारा जरूरतमंदों को भी राहत सामग्री मिलने की बात कही, जिस पर वार्डवासियों ने घेराव खत्म किया, और राहत कार्य मे लगे अधिकारियों और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली । आपको बता दे इस एंड्रूज वार्ड के वार्डवासियों ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत बंद के दौरान रोज कमाने खाने वालों के लिए भूखे मरने की नोबत आ गई हैं शासन तथा जिला प्रशासन द्वारा जो राहत सामग्रियों का वितरण किया जा रहा हैं उसमें अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा अपने चहेतों और समर्थकों को लाभ पहुँचाया जा रहा, वार्डवासियों ने कहा कि जिनके घर मे राशन का भंडारण पहले से है तथा जो सक्षम हैं उन पर भी जबरन अपनी कृपा दृष्टि बरसाई जा रही. ऐसे में जो वाकई जरूरतमंद लोग है उन तक राशन-राहत सामग्रियां नही पहुँच पा रही। कुछ नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा अगर सूची बनाकर राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है तब तो ठीक है क्योंकि लॉकडाउन के नार्मल होते ही हो सकता हैं प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो सकते है ? क्योंकि सूची देख ही ये स्पष्ट हो जाएगा कि वाकई में जरूरतमंदों को राहत सामग्रियां बांटी गई हैं अथवा नही ?और अगर सूची नही बनाई गई होगी तो फिर यह कई संदेहों को जन्म देगा, कुछ नेताओं द्वारा दिए गए इस सुझाव पर विचार करना फिलहाल अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के ऊपर निर्भर करता हैं, बहरहाल अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि इस कठिन समय में किसी भी वार्ड में विवाद की स्थिति निर्मित न होने दे और जरूरतमंदों को राशन-राहत सामग्री मिल सके।