गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में एक बार फिर इंसानी आबादी वाले गांव में भालू के पहुंचने से दहशत का माहौल देखा गया। इस बार भालू मरवाही वनमंडल के गौरेला रेंज के कोरजा गांव में पहुंचा। श्रीराम चौक पर भालू के पहुंचने से लोग डर गए। पूरे गांव में भालू करीब 20 मिनट तक घूमता रहा।
हालांकि राहत की बात ये रही कि भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। बाद में गांव के कुत्तों ने भालू को जंगल की ओर खदेड़ दिया। मरवाही के गांवों में भालुओं का आना लगातार जारी है। इससे पहले नरौर गांव में यज्ञशाला में रोजाना भालू पहुंचता रहा, तो वहीं बचरवार गांव में दो भालुओं ने एक व्यक्ति को घायल कर दिया था। सचराटोला में भी भालुओं के जोड़े ने 3 छात्रों को घायल किया था। तीनों छात्रों की जान बहुत मुश्किल से बची थी। भालुओं ने उनके सिर, पीठ और हाथ के मांस को नोंच लिया था।
मरवाही रेंज के दानीकुंडी गांव में भी 14 दिन पहले एक भालू को बाजार वाले इलाके में घूमते और दौड़ते हुए देखा गया था। इस दौरान वहां से गुजर रहे एक कार सवार ने उसका वीडियो बना लिया था। भालू लैंड के नाम से मशहूर मरवाही वनमंडल अब उनके लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रहा है। जंगल में चल रहे बेतहाशा उत्खनन और कटाई के चलते भालू अब गांवों में इंसानी आबादी के बीच पहुंच रहे हैं, जिसका खामियाजा लोगों और भालुओं दोनों को उठाना पड़ रहा है। कभी भालू इंसान पर हमला कर रहा है, तो कभी अपने बचाव में इंसान भालुओं को मार रहा है।
इसके अलावा मरवाही के ही नरौर गांव में लगातार 7 दिनों तक यज्ञशाला में भालू पहुंचता रहा। वहां वो प्रसाद खाकर वापस जंगल में लौट जाता था। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बेहद शांत माने जाने वाले प्राणी को जंगल में ही भोजन-पानी नहीं मिल पा रहा है, इसलिए वो इसकी तलाश में भटकते हुए गांवों का रुख कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सूचना के बाद भी अधिकारी लगातार हो रहे उत्खनन या वनों की अवैध कटाई को रोकने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि कभी भालू तो कभी हाथी लोगों को मार डाल रहे हैं।