केंद्रीय वित्त मंत्री ने विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन की घोषणा की है। इसके तहत अगले तीन साल तक 15 हजार करोड़ रुपया खर्च किया जाना है। छत्तीसगढ़ में इन विशेष संरक्षित जनजातियों में बैगा, पहाड़ी कोरबा, अबूझमाड़िया, कमार और बिरहोर की अच्छी खासी आबादी है। इस मिशन से इस आबादी को पक्का आवास, पेयजल, सड़क, बिजली और सतत आजीविका के साधन दिये जाने हैं।
सूखे इलाकों में लहलहा सकती है उम्मीद
केंद्रीय बजट में इस बार मिलेट को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैकेज की घोषणा है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, देश को मिलेट का हब बनाया जाएगा। मिलेट उत्पादाें को विदेशों में निर्यात करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में पिछले तीन-चार सालों में मिलेट फसलों कोदो-कुटकी-रागी आदि का उत्पादन बढ़ा है। यहां कोदो की खरीदी 30 रुपए प्रति किलो, कुटकी की खरीदी 31 रुपए और रागी की खरीदी 35.78 रुपए प्रति किलो की दर से हो रही है। अब तक सरकार 5 करोड़ 60 लाख रुपए मूल्य की 18 हजार 328 क्विंटल कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी कर चुकी है। केंद्र सरकार का प्रोत्साहन बढ़ा तो कम पानी वाले इलाकों में इस फसल का रकबा बढ़ेगा। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की धान पर निर्भरता कम होगी।
सिकलसेल एनिमिया के खिलाफ बड़ी मदद
केंद्रीय बजट में साल 2047 तक सिकलसेल एनिमिया को खत्म करने का मिशन हाथ में लिया है। छत्तीसगढ़ की बड़ी आबादी इस बीमारी से ग्रस्त है। इसके खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार को केंद्र से बड़ी मदद मिल सकती है।
5G एप के लिए प्रयोगशाला का भी फायदा
केंद्रीय बजट में 5G एप बनाने के लिए देश भर में 100 प्रयोगशालाएं शुरू करने की बात हुई है। कहा गया कि ये प्रयोगशालाएं इंजीनियरिंग संस्थानों में खोली जाएंगी। छत्तीसगढ़ में फिलहाल तीन बड़े संस्थान हैं। भारतीय प्रौद्याेगिकी संस्थान भिलाई-IIT, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर-NIT और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान नवा रायपुर – IIIT में से कम से कम दो में ऐसी प्रयोगशालाओं की संभावनाएं बढ़ी दिख रही हैं।9