उन्होंने कहा कि, आज तुरेनार में छत्तीसगढ़ का ही नहीं, बल्कि देश के पहले रुरल इंडस्ट्रियल पार्क का शुभारंभ हो रहा है। बस्तर में बहुत से कीमती वनोपज हैं। जो चीज दुनिया में कहीं नहीं मिलती, वह बस्तर में मिलती है। लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ ही इनके प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन से स्थानीय लोगों की ज्यादा कमाई हो रही है। बस्तर के लोग पहले सीधे कोसा बेचते थे, अब इससे धागा बना रहे हैं। इमली से कैंडी बना रहे हैं। सुगंधित चावल की अच्छी पैकेजिंग कर बेच रहे हैं। काजू के प्रसंस्करण के बाद इसे अच्छे दामों में बेचा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रीपा के माध्यम से उद्यमी युवाओं को रोजगगारमुलक कार्यों के लिए सड़क, बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ गांव में ही भूमि उपलब्ध होगी और यहां उद्योग स्थापना के लिए किसी प्रकार की अनुमति की अवश्यकता नहीं होगी। उद्योग की स्थापना के लिए युवाओं को आसानी से भूमि उपलब्ध होने पर लोगों में उद्योग के प्रति रुचि बढ़ने पर पलायन रुकेगा और इससे गांव के युवाओं को गांव में ही काम मिलेगा। इसके माध्यम से हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार कर रहे हैं।
अमर वाटिका में दी शहीदों को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आमागुड़ा में इंडिया गेट की तर्ज पर बने अमर वाटिका में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि। उन्होंने शहीद जवानों के परिवार वालों से भी मुलाकात की। अमर वाटिका में निर्मित ‘माटा लोना’ (संवाद गृह) में बच्चों ने बदलते बस्तर की थीम पर नाट्य रूपांतरण किया। जिसकी CM ने सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पिछले 4 वर्षों में राज्य शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से जनता का विश्वास अर्जित करने में सफलता मिली है। नक्सली घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है।