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कुपोषण मुक्ति अभियान:जिले सहित प्रदेश में कुपोषण के मामलों में 2.1 % की कमी आई, वजन त्योहार में हर केंद्र से ली गई जानकारी

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प्रदेश मेें कुपोषण मुक्ति के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत दुर्ग में भी अलग-अलग स्तर पर मुहिम जारी है। इस बीच महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वजन त्यौहार 2022 के आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार प्रदेश में पिछले एक वर्ष में कुपोषण के दर में 2.1 प्रतिशत की कमी आई है। वजन त्यौहार के आंकड़े देखें तो वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण 23.37 प्रतिशत था, जो वर्ष 2021 में घटकर 19.86 प्रतिशत रह गया और 2022 में घटकर 17.76 प्रतिशत पर आ गया है। इस प्रकार पिछले तीन सालों में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी आई है।

2 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई। प्रदेश के लगभग 02 लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के 2020-21 में जारी रिपोर्ट के आंकड़े देखे जाएं, तो प्रदेश में 5 वर्ष तक बच्चों के वजन के आधार पर कुपोषण की दर 6.4 प्रतिशत कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। यह दर कुपोषण की राष्ट्रीय दर 32.1 प्रतिशत से भी कम है।

बच्चों के वजन, ऊंचाई को मापकर किया आंकलन
वजन त्यौहार के दौरान बच्चों का वजन, ऊंचाई मापकर उनकी उम्र के आधार पर कुपोषण का आकलन किया जाता है। आंकड़ों की ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस वर्ष अगस्त में वजन त्यौहार मनाया गया। इस दौरान प्रदेश के 33 जिलों के 23 लाख 79 हजार 29 बच्चों का वजन लिया गया। इनमें 19 लाख 56 हजार 616 बच्चे सामान्य पाए गए, जबकि 04 लाख 22 हजार 413 बच्चों में कुपोषण की स्थिति देखी गई। इनमें 86 हजार 751 बच्चे गंभीर कुपोषण और 03 लाख 35 हजार 662 बच्चे मध्यम कुपोषित मिले।