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रेत तस्करों को रोका तो चढ़ा दिया ट्रैक्टर, थाना प्रभारी निलंबित हाईकोर्ट ने लिया स्वत संज्ञान

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रामानुजगंज (गौरव) ! बलरामपुर जिले के जनपद पंचायत रामचंद्रपुर के ग्राम पंचायत धौली के लिबरा घाट से रेत खनन करने वाले माफिया को पकड़ने गई पुलिस टीम पर रेत माफियाओं ने ट्रेक्टर चढ़ाकर एक आरक्षक की जान ले ली | इस घटना का स्वत संज्ञान छतीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिया चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा एवं जस्टिस विभुदत्त गुरु की बेंच ने सरकार से पूछा है की जब खनन पर पहले से रोक है तो यह खनन कैसे हो रहा है और हत्या की नौबत क्यों आई | ज्ञात हो की सनावल थाने से पांच किमी दूर कनहर नदी के लिबरा घाट पर रेत तस्करी रोकने गए आरक्षक पर रेत माफिया ने ट्रैक्टर चढ़ा दिया, जिससे आरक्षक की मौके पर मौत हो गई। यह घटना केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के सरगुजा दौरे से एक दिन पहले हुई है, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। आनन-फानन में आईजी ने सनावल थाना प्रभारी को निलंबित किया। रविवार रात को सनावल टीआई को वन विभाग ने सूचना दी कि कुशफर गांव में कुछ लोग जेसीबी से वन भूमि पर खेत बना रहे हैं। मामले में कार्रवाई करने सनावल थाना से टीआई के साथ आरक्षक शिव वचन सिंह (42 वर्ष) के साथ दो आरक्षक और दो वन विभाग के कर्मी कुशफर पहुंचे और जेसीबी जब्त किया। कार्रवाई के बाद टीआई ने किसी को बिना सूचना दिए वन कर्मी और आरक्षकों को लेकर कन्हर नदी के लिबरा घाट रात 12 बजे पहुंचे, जहां रोजाना 80 से 90 गाड़ी रेत का अवैध खनन होता है। पुलिस कर्मियों को आते देख रेत तस्करों में हडकंप मच गया। टीआई के साथ आरक्षकों ने रेत खनन कर रहे एक ट्रैक्टर को पकड़कर जब्त कर लिया। जैसे ही दूसरे ट्रैक्टर को पकड़ने आरक्षक शिव वचन सिंह कुछ दूर आगे गया, खुद को पकड़े जाने के बचाने ट्रैक्टर चालक ने आरक्षक को टक्कर मार दी। इससे आरक्षक नीचे गिर गया, तभी तस्कर ने उसके ऊपर पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
1.5 किमी दूर गाड़ी खड़ी कर तस्करों को पकड़ने गई थी टीम – बताया गया कि पुलिस कर्मियों ने रेत घाट से करीब 1.5 किमी पहले ही अपनी गाड़ी खड़ी कर दी और वहां से पैदल ही रेत घाट पहुंचे। ताकि रात में रेत तस्कर उनकी गाड़ी की लाइट देखकर भाग न सकें। सभी पुलिस कर्मी घाट तक पैदल ही पहुंचे थे। जब आरक्षक को ट्रैक्टर ने कुचल दिया और उसकी मौत हो गई तो थाना प्रभारी के साथ दूसरे पुलिस कर्मियों ने आरक्षक के शव को जब्त किए गए ट्रैक्टर पर ही रखकर 1.5 किमी दूर अपनी गाड़ी के पास लाया और वहां से रामानुजगंज ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
टीआई ने आरक्षक की मौत की सूचना परिजन को नहीं दी – हद तो तब हो गई, जब आरक्षक की मौत हुई तो सनावल थाना प्रभारी ने घटना की सूचना आरक्षक के परिजन को नहीं दी। बलरामपुर में वन विभाग के एक कर्मी ने ही मृतक आरक्षक के गांव धमनी में इसकी सूचना दी। तब आरक्षक शिव वचन सिंह की मौत की खबर परिजन को लगी। सुबह सात बजे परिजन रामानुजगंज पहुंचे। इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम करा शव परिजन को सौंपा।
पुलिस और रेत माफियाओं का मिलीभगत का आरोप – घटना के बाद से ही लिबरा के आसपास रहने वाले ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीण घटना के लिए पुलिस को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक पुलिस कर्मी और ग्रामीणों ने बताया कि सनावल पुलिस ने तीन दिन पहले ही लिब्रा घाट से ही रेत की तस्करी कर रहे तीन ट्रैक्टर को जब्त किया था। इसके बाद माफिया से सांठ-गांठ कर 80 हजार रुपए लेकर तीनों ट्रैक्टर को छोड़ दिया था। इससे माफिया के भी हौसले बुलंद हैं। ग्रामीणों ने बताया कि रेत तस्करी करने वाले सभी लोग झारखंड के रहने वाले हैं, जो हर महीने थाने में कमीशन के रूप में एक गाड़ी पर पांच हजार रुपए देते हैं।
सब कुछ जानते थे फिर भी चुप क्यों थे अफसर – स्थानीय ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा है कि रेत खनन की सूचना पहले ही तहसीलदार और खनिज विभाग को दी जा चुकी थी। यानी सिस्टम को सब पता था—कहाँ से रेत उठ रही है, किसे भेजी जा रही है, कौन लोग लगे हैं। फिर कलेक्टर ने क्या कार्रवाई की? खनिज विभाग क्यों सोता रहा?
क्या प्रशासन माफियाओं की ढाल बन चुका है? – जब दो दिन पहले तीन ट्रैक्टर पकड़े गए, तब भी कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया। और अब जब एक पुलिसकर्मी की जान चली गई, तब भी कोई अफसर मौके पर नहीं पहुँचा। क्या इस चुप्पी का मतलब मिलीभगत है? या माफियाओं से डर कर अफसर कुर्सियों में दुबके बैठे हैं?
मंत्री का क्षेत्र, लेकिन माफियाओं का शासन! – यह इलाका छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री और बलरामपुर विधायक रामविचार नेताम का क्षेत्र है। एक मंत्री के क्षेत्र में पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं—तो फिर आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद किससे की जाए?
प्रशासन ने पुलिस को अकेला छोड़ दिया था – सवाल ये भी है कि पुलिस अकेले क्यों गई? खनिज विभाग का अमला साथ क्यों नहीं था? क्या यह सोच-समझकर बनाई गई चूक थी? आखिर कितनी और जाने जाएंगी, तब जाकर अफसर कुर्सियों से उठेंगे? एक ईमानदार आरक्षक की मौत के बाद भी सिस्टम में कोई हरकत नहीं। अब ये सिर्फ माफियाओं का नहीं, प्रशासन की नाकामी का केस है। सवाल सिर्फ रेत का नहीं, सवाल पूरे शासन के रवैए का है। क्या इस हत्या को भी फाइलों में दफन कर दिया जाएगा?
थाना प्रभारी निलंबित – सरगुजा आईजी ने सनावल थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया तथा झारखंड के रेत माफियाओं को पकड़ने के लिए सघन अभियान चलाने का निर्देश दिया |
वैभव वेंकर, एसपी, बलरामपुर – घटना के बाद से ही पुलिस अलर्ट मोड पर है। अलग-अलग टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी है। केस भी दर्ज कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ जितनी हो सके, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। तीन दिन पहले पैसा लेकर ट्रैक्टरों को छोड़ने के मामले में मैं खुद मौके पर पहुंचा था। किन परिस्थितियों में ट्रैक्टर को छोड़ गया है, इसकी जांच की जाएगी। अभी माफिया को पकड़ने पांच टीम बनाई गई है, जो छापेमारी कर रही हैं।