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नियुक्ति अटकी:मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी दूर करने प्रबंधन ने शुरू की कवायद, यूजी में 125 सीट होने से फैकल्टी में 54 डॉक्टरों की जरूरत

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राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय मेडिकल काॅलेज अंबिकापुर में यूजी की 125 सीट होने से पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन अब सेटअप के तहत प्रोफेसर सहित विभिन्न पदों पर फैकल्टी की कमी हो गई है। प्रबंधन को अगले साल तक किसी भी हाल में विभिन्न पदों पर 54 डॉक्टरों की जरूरत होगी। इसमें एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के अलावा एसआर के पद पर डॉक्टरों की जरूरत है।

प्रबंधन पिछले साल से सेटअप की पूर्ति के लिए शासन को पत्र लिख रहा है, लेकिन अब तक इसकी पूर्ति नहीं हो पाई है। अब यदि अगले साल तक इन पदों पर भर्ती नहीं हुई तो एनएमसी यूजी में नए बैच की मान्यता देने में अड़ंगा लगा सकता है। अभी काॅलेज में विभिन्न पदों पर 100 डाॅक्टर ही पदस्थ हैं। चिंता की बात यह है कि प्रदेश में नए काॅलेज शुरू होने से पढ़ाने वाले डाॅक्टरों की कमी हो गई है। ऐसे में खाली पदों पर हाल-फिलहाल में पोस्टिंग होनी मुश्किल है। अब तो अंबिकापुर में पीजी कोर्स भी शुरू हो गया है। ऐसे में आने वाले समय में फैकल्टी सहित ऑफिस स्टाफ के पद और बढ़ जाएंगे।

सिर्फ एनाटाॅमी में ही प्रोफेसर सहित 10 का हो गया सेटअप
मेडिकल कॉलेज में यूजी के कुल 21 विभाग हैं। हर विभाग में सेटअप अलग-अलग हैं। यूजी में कुल 125 सीट होने से एनाटॉमी विभाग में ही कुल 10 फैकल्टी का पद होना चाहिए। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के अलावा 5 प्रदर्शक शामिल हैं। अभी इस विभाग में कुल 6 पद ही भरे हैं। इस तरह कुल 4 डाॅक्टरों की कमी सिर्फ एनाटाॅमी में ही है। इसी तरह अन्य विभागों में पद खाली हैं।

काॅलेज को 15 विभागों में पीजी की 46 सीट की मान्यता मिली
इधर मेडिकल काॅलेज को इस सत्र से पीजी में भी मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थो, गायनिक, पीडियाट्रिक, आप्थोमालाजी, पैथोलॉजी सहित 15 विभागों में 46 सीट की मान्यता मिली है। इसमें प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। ऑल इंडिया व स्टेट कोटे के प्रथम चरण का प्रवेश हो गया है। ऑल इंडिया कोटे की 23 और स्टेट कोटे की 23 सीटें तय हैं। दोनों ही कोटे में आधे से ज्यादा सीटें खाली हैं। दूसरे और तीसरे चरण तक इसमें प्रवेश होता है। इससे ये सीटें आखिरी समय में भर जाती हैं।

2016 में काॅलेज को सौ सीट की मिली थी मान्यता
2016 में मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से यूजी में सौ सीट की मान्यता मिली थी। तब एनएमसी की जगह एमसीआई काॅलेजों की मॉनिटरिंग करती थी। उस समय अंबिकापुर काॅलेज के पास न तो भवन था और न ही पूरी फैकल्टी। किसी तरह फैकल्टी की कमी दूर हुई, भवन भी अब बनने की कगार पर है। इस बीच शासन द्वारा ईडब्ल्यूएस के लिए 25 सीट की और बढ़ोतरी कर दी गई। इससे यूजी का सेटअप अब 125 सीट के तहत करना जरूरी हो गया है।

शासन स्तर पर होनी है नियुक्ति, प्रयास जारी
यूजी में सेटअप के अनुसार अगले साल ही हमें 54 फैकल्टी की जरूरत होगी। इसमें एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के 34 और बाकी के 20 एसआर शामिल हैं। इसके लिए प्रयास चल रहा है। अगले साल तक पद भर लिए जाएंगे। शासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।
डाॅ. आर मूर्ति, डीन, मेडिकल काॅलेज अंबिकापुर