छत्तीसगढ़ नई जनगणना के लिए तैयार है। भौगोलिक सीमाएं तय हो चुकी हैं। जन्म व मृत्यु के डेटा रजिस्टर अपडेट हो चुके हैं। स्वतंत्रता के बाद पहली बार प्रदेश में ई-जनगणना होगी। इस बीच यह रोचक तथ्य सामने आए हैं कि छत्तीसगढ़ की 1910 में जनसंख्या 42 लाख थी। आजादी के दशक में 68 लाख लोग थे।
यह दिलचस्प ही है कि आपातकाल और नसबंदी के दशक में छत्तीसगढ़िया एक करोड़ से भी अधिक हो गए थे। आर्थिक सांख्यिकी मंत्रालय का अनुमान है कि 2022 में करीब तीन करोड़ 22 लाख हो जाएंगे। भारत की जनगणना विश्व का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। जनगणना 2021 का थीम “जन भागीदारी से जनकल्याण” है। 2023 में जनगणना प्रारंभ होने की संभावना है। आपातकाल और नसबंदी के दशक में छत्तीसगढ़िया एक करोड़ हो गए थे, हालांकि तब छत्तीसगढ़ रियासतों, सीपी बरार, अविभाजित एमपी का हिस्सा था, लेकिन भौगोलिक क्षेत्र तकरीबन यही था।
नसबंदी व आपातकाल के दशक में 1971 में हमने करोड़ का आंकड़ा पार किया। लोग 1 करोड़ 16 लाख 37 हजार 494 हो गए। 24 लाख 82 हजार 996 की वृद्धि 27.12 प्रतिशत की दर से हुई। 1981 में 1 करोड़ 40 लाख10 हजार 337 हो गए। यानी 23 लाख 72 हजार 843 की वृद्धि 20.39 दर से बढ़ोतरी हुई।
केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार ई-जनगणना से नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बनाने में आसानी होगी। 2023 में होने वाली जनगणना आधुनिक व काफी रोचक होगी। छत्तीसगढ़ में 2001-2011 के दौरान छत्तीसगढ़ की जनसंख्या वृद्धि दर 22.61 फीसदी है। इसमें सभी प्रशासनिक इकाइयां जिन्हें नगर निगम, नगरपालिका, छावनी बोर्ड, अधिसूचित टाउन एरिया कमेटी, टाउन पंचायत, नगरपालिका को शहर माना गया है। इसके अलावा एक लाख या उससे अधिक की आबादी वाले संविधिक कस्बों को शहर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जनगणना 2021 के लिए शहरी क्षेत्रों के लिए समान परिभाषा बनाए रखने का प्रस्ताव है, क्योंकि यह पिछली जनगणना के साथ तुलना तय करेगा। देश में शहरीकरण प्रवृत्तियों के विश्लेषण के लिए आधार प्रदान करेगा।
हम इस तरह बढ़ते गए –
1901 में प्रदेश में 41 लाख 81 हजार 554 लोग थे। ये 1911 में 51 लाख 91 हजार 583 हो गए। यानी 10 लाख 10 हजार 29 लोग बढ़ गए। जनसंख्या में 24.15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। 1921 में 52 लाख 64 हजार 976 हो गए। केवल 73 हजार 393 की वृद्धि हुई जो 1.41 प्रतिशत है। 1931 में 60 लाख 28 हजार 778 हो गए। यानी 7 लाख 63 हजार 802 लोग 14.51 प्रतिशत की दर से बढ़े। जबकि 1941 में 68 लाख 14 हजार 886 हो गए। 13.4 प्रतिशत की दर से 7 लाख 86 हजार 108 लोग बढ़े।
आजादी के बाद 1951 में 9.42 फीसदी वृद्धि दर से 74 लाख 56 हजार 706 लोग हो गए। यानी 6 लाख 41 हजार 820 बढ़ोतरी हुई। 1961 में हम 91 लाख 54 हजार 498 हो गए। 22.77 फीसदी की दर से 16 लाख 97 हजार 792 लोग बढ़े। 1991 में 1 करोड़ 76 लाख 14 हजार 928 हो गए। 36 लाख 4 हजार 591 लोग 25.73 की दर से बढ़े। नया छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2001 में 2 करोड़ 8 लाख 33 हजार 803 छत्तीसगढ़िया थे। यानी 32 लाख 18 हजार 875 की वृद्धि दस साल में 18.27 फीसदी की दर से हुई। 2011 में 2 करोड़ 55 लाख 45 हजार 198 हो गए। यानी 47 लाख 11 हजार 395 की वृद्धि 22.61 फीसदी की दर से हुई।
2022 तक छत्तीसगढ़ की जनसंख्या (अनुमानित) –
कुल जनसंख्या – 3,21,99,722
पुरुषों की जनसंख्या – 16,172,638
महिलाओं की जनसंख्या – 16,027,084
2011 में छत्तीसगढ़ की कुल आबादी 2,55,45,198 तब पुरुषों की जनसंख्या – 1,28, 30,336 महिलाओं की जनसंख्या – 1,27,14,862 यह भारत की जनसंख्या 2.11 प्रतिशत था।
सबसे बड़े जिले (2011 जनगणना के अनुसार)
सरगुजा – 15,732 वर्ग किमी
रायपुर – 12,383 वर्ग किमी
-बस्तर – 10,470 वर्ग किमी
दुर्ग – 8535 वर्ग किमी
बीजापुर – 8530 वर्ग किमी