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SC-ST और पिछड़ा वर्ग अब अलग-अलग विभाग:इनकी सलाहकार परिषद भी बनेगी, 12 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती और छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक होगा

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में बड़े बदलाव के साथ ही कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में अब आदिमजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग विभाग का बंटवारा होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग अलग-अलग होंगे। इसके साथ ही SC और OBC सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। अभी तक केवल जनजातीय सलाहकार परिषद कार्य कर रही थी।

मुख्यमंत्री निवास में हुई इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य के बस्तर और सरगुजा संभाग में 12 हजार 489 पदों पर शिक्षकों की भर्तियां की जाएंगी। यह भर्ती व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से की जानी है। जल्दी ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का आयोजन किया जाएगा। इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की कोई आयु सीमा नहीं होगी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल-2022 में कबड्डी, खो-खो, गेड़ी, पिट्ठुल, बॉलीबाल, हॉकी और टेनिस बाल क्रिकेट को शामिल किया गया। इन खेलों के मुकाबले पुरूष और महिला दोनों श्रेणियों में होंगे। वहीं यह यहां ओलंपिक खेल चार स्तरों ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर होगा। राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन राजधानी रायपुर में होगा। इसमें सभी तरह की खेल प्रतियोगिताएं होनी हैं। प्रदेश सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों एवं 146 ब्लॉक स्तर पर होने वाले खेल आयोजन के लिए अलग-अलग कमेटियां गठित की जाएंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक सरपंच होंगे और ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक विकासखंड अधिकारी होंगे। खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के भोजन, आवागमन एवं अन्य सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायतों और विकासखण्डों के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

ऐसी होगी यह सलाहकार परिषद

छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयों पर सरकार को सलाह देने के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद पहले से ही काम कर रही है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद और अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद का गठन होगा। इन परिषदों में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं विशेष वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तथा विभाग के भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। ओबीसी परिषद में कुल 40 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधान सभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्वाचित कम-से-कम 10 विधायक होने हैं। वहीं शेष सदस्य राज्य सरकार मनोनीत करेगी। अनुसूचित जाति परिषद में कुल 20 सदस्य होंगे। इनमें से अनुसूचित जाति वर्ग के कम से कम पांच विधायक शामिल होंगे। शेष सदस्यों की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी।