छत्तीसगढ़ में बस्तर के एक नक्सल प्रभावित गांव में आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया है। इस गांव में पहले देश विरोधी नारे लगते थे लेकिन, इस स्वतंत्रता दिवस में पहली बार यहां भारत माता की जय-जयकार और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए हैं। सैकड़ों ग्रामीणों ने हाथों में तिरंगा लेकर विशाल रैली भी निकाली। गांव के ही एक बुजुर्ग ने ध्वजारोहण किया, सभी ने मिलकर तिरंगे को सलामी दी। दरअसल, इस गांव में हाल ही में सुरक्षाबलों का कैंप खोला गया है। इसी वजह से गांव के ग्रामीण आजादी का जश्न मनाए।
दरअसल, छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर स्थित चांदामेटा गांव CG का अंतिम गांव है। कुछ समय पहले तक यह गांव नक्सलियों के कब्जे में था। 15 अगस्त हो या फिर 26 जनवरी, नक्सली हमेशा यहां काला झंडा फहराते थे। ग्रामीणों पर दबाव डालकर देश विरोधी नारे लगवाते थे। लेकिन, हाल ही के कुछ महीने पहले नक्सलियों के इस गढ़ में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया। जिसके बाद अब एक ओर जहां विकास पहुंच रहा है, तो वहीं दूसरी ओर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 75 सालों के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया।
ध्वजारोहण करते समय गांव में भारी संख्या में कैंप के जवान भी मौजूद थे। जिन्होंने ग्रामीणों को तिरंगा बांटा। गांव पूरी तरह से देशभक्ति के माहौल में रम गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों में आजादी के जश्न का उत्साह रहा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, यहां तक पहुंचने में पहले एक सप्ताह का समय लगता था। धीरे-धीरे पुलिस यहां पहुंची और ग्रामीणों का विश्वास पुलिस के प्रति बढ़ा है। यही कारण है कि ग्रामीण अब पुलिस से जुड़कर आगे आ रहे हैं। आने वाले दिनों में इस इलाके में पुलिस अंदरूनी क्षेत्रों में भी घुसेगी, जिससे इस इलाके को पूर्ण रूप से नक्सलमुक्त किया जा सकेगा।