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महान 2, महान 3 इलाके सीमावर्ती क्षेत्रों में कई अवैद्य खदान से कोयला चोरी जोरों पर

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प्रतापपुर (जीशान खान) ! एक तरफ देश कोयले की किल्लत से जूझ रहा है. जिसकी वजह से दर्जन से ज्यादा राज्यों में ब्लैक आउट का संकट मंडरा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर व बलरामपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में कोयला चोरी जोरों पर है. यहां बाजार में जिस तरह सब्जियां बिकती हैं उसी तरह चोरी का कोयला बिकता है. बावजूद इसके चोरों तक कानून के हाथ नहीं पहुंच पा रहे है. चर्चा ये भी है कि पुलिस और खनिज विभाग की मिलीभगत से ये खेल लंबे समय से चल रहा है. शायद यही वजह है कि काले हीरे के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लग रहा है. जिससे शासन को करोड़ों की राजस्व की क्षति हो रही है.धड़ल्ले से जारी है कोयला चोरी जानकारी के मुताबिक सूरजपुर व बलरामपुर जिले के महान 2 महान 3 के सीमावर्ती गांव दुपपी चौरा बुडाडांड सिलफिली मरकाडांड क्षेत्र में संचालित अवैध खदानों से भारी मात्रा में कोयला अवैध ईंट भट्ठों व डिपो में खपाया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस  क्षेत्र में 2 कोयला खदान के अलावा कई अवैध खदानों का संचालन होता है और इन्ही अवैद्य  खदानों से कोयला चोरी किया जाता है. बताया जाता है कि खदान से कोयला चोरी कर उसे आसपास के खेतों में छिपाकर रखा जाता है. जो कोयला अवैध ईंट भट्ठा व डिपो का संचालन करने वाले खरीदते है. शाम होने के बाद अवैध  खदान के समीप चोरी का कोयला खरीदने के लिए पिकअप और छोटा हाथी जैसे वाहनों की लाइन लग जाताहै नवयुवकों को देते है पैसे का लालच कोयला खदान से प्रभावित गांव के लोगों के मुताबिक ग्राम पंचायतों में कुछ असामाजिक तत्व के व्यक्तियों के सहयोग से अवैध ईंट भट्ठों व कोल डिपो के मालिकों द्वारा 1000 की संख्या में आसपास के नवयुवक ग्रामीणों द्वारा कोल खदान में चोरी करवाकर ईंट भट्ठों व कोल डिपो में अवैध कोयला इकट्ठा कर के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से परिवहन किया जाता है. जिस क्षेत्र में कोल खदान संचालित है वहां ज्यादातर वनवासी आदिवासी परिवार के लोग निवास करते है. जिससे क्षेत्र के नवयुवकों को एक हजार, दो हजार रुपए का लालच देकर चोरी जैसा अपराध कराया जा रहा है.अवैध ईंट भट्ठों व कोल डिपो में खपाया जाता है चोरी का कोयला सूत्रों से मिली जानकारी में मुताबिक महान 2 और महान 3 के कोयला खदान से जो चोरी का कोयला निकलता है. उसे जिले के अवैध ईंट भट्ठों व कोल डिपो में खपाया जाता है. वहीं बीच बीच में पुलिस दिखावे के लिए एक दो कार्रवाई भी करती है लेकिन इसके बावजूद भी कोयले का अवैध परिवहन नहीं रुकता है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठते रहते है पुलिस ने कहा कार्रवाई करेंगे एस डी ओपी अमोलक सिह ने बताया कि अभी टुकुडांड इलाके पुलिस ने चोरी का कोयला पकड़ा है . अगर इसके बाद भी चोरी हो रही है तो कार्रवाई करेंगे. वहीं इस मामले पर खनिज विभाग के इंस्पेक्टर ने बताया कि कार्रवाई होती है. गांव वाले शिकायत किए थे जिसके बाद वहां खनिज विभाग की टीम ने जाकर कार्रवाई की. अवैध कोयले का लाखों का कारोबार रोज सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महान 2 महान 3 व अवैध कोयला खदानों से  30-40 छोटे बडे गाडियो से कोयला निकाला जाता है  कोयला तस्कर इस कोयले को ग्रामीणों से दो ढाई रुपए किलो खरीदते हैं और उसके बाद इस कोयले को ले जाकर ईट भट्ठा वह कोल डिपो वालों को तीन से चार रुपए किलो में भेजते हैं और यही कोयला कोल डिपो में जाने के बाद 5 से 6 रुपये किलो का हो जाता है इस अनुमान से  प्रतिदिन लाखों रुपए का अवैध कोयले का कारोबार होता है इस हिसाब को अगर जोड़ा जाए तो महीने में करोड़ों रुपए का अवैध कोयला तस्करों द्वारा तस्करी किया जाता है छत्तीसगढ़ फ्रंटलाइन मे ग्राउंड जियो पर जाकर इसकी तहकीकात की है अब देखना है  दोनों जिलों के प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करते हैं|