रघुनाथनगर ! वाड्रफनगर जनपद पंचायत के रघुनाथनगर से महज 5 से 7 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत तोरफा है। उसी गांव के बगल से मोरन नदी निकलती है। नदी रिजर्व फॉरेस्ट में है। यहां से लगातार बालू का अवैध खनन कराया जा रहा है जो पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। खनन के बाद निकाली गई रेत हवा में उड़ कर शुद्ध वायु को दूषित करती है। इसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। सांस के साथ रेत के कण हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते है। इससे नई नई बीमारियां शरीर में घर बना लेतीं हैं। इसके बावजूद भी अवैध खनन से निपटने को लेकर शासन व प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। खनन की वजह से सरकार को राजस्व हानि के साथ ही प्रकृति को क्षति भी हो रही है। इस खनन का प्रभाव हमारे पर्यावरण पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से पड़ रहा है। इसके परिणाम आने वाले समय में भयंकर हो सकते है। नदियों व तालाबों से खनन करके लाई गई रेत का परिवहन खुले वाहनों में किया जाता है। जो हवा के साथ उड़कर पर्यावरण को दूषित करती है। लेकिन इसके बाद भी राजनैतिक संरक्षण में चल रहे अवैध खनन के इस कारोबार को शासन व प्रशासन बंद कराने में असमर्थ है। मुख्यमंत्री द्वारा रेत के अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश के बावजूद क्षेत्र में छोटी-बड़ी नदियों से बालू निकाल कर उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है। यह अवैध कारोबार खूब फल-फूल रहा है। जाहिर है की इस खेल में सम्बंधित विभाग के अधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध है नही तो कोई कारण नही था की अवैध खनन को रोका नही जा सकता है।
