केवड़िया (गुजरात): ‘मैं एक आत्मनिर्भर महिला हूं’. खुद पर गर्व करते हुए अपनी टूटी-फूटी हिंदी में ज्योति कुमारी तरवी ये बात कहती हैं. गुजरात में नर्मदा जिले के केवड़िया (Kevadiya, Narmada District, Gujarat) की रहने वाली 35 साल की ज्योति कुमारी तरवी एक आदिवासी महिला है और वह ई-ऑटोरिक्शा (E-Rickshaw) चलाती है. ज्योति मुस्कुराते हुए बताती हैं, ‘मैं ई-रिक्शा और घर दोनों चलाती हूं.’ ज्योति जैसी तकरीबन 60 महिलाएं देश के पहले हरित ऊर्जा प्रमाणित एकतानगर रेलवे स्टेशन (Ektanagar Railway Station) के पास ई-रिक्शा चलाती हैं. ये सभी केवड़िया और उसके आस-पास के रहने वाली महिलाएं हैं. गौरतलब है कि एकतानगर रेलवे स्टेशन का नाम पहले केवड़िया रेलवे स्टेशन था. सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैचू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity, Sardar Vallabhbhai Patel) बनने के बाद इस स्टेशन का नाम बदल दिया गया.
2021 से पहले जीती थीं ‘अपमानित जिंदगी’
अगर आप ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ जाने के लिए एकतनगर रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं, तो आपको स्टेशन परिसर में ये सभी महिलाएं अपने ई-रिक्शा के साथ दिख जाएंगी और आप इनकी रिक्शा में बैठकर की दुनिया के सबसे बड़े स्टैचू को देखने के लिए जा सकते हैं. ज्योति की ही तरह 25 साल की प्रतिमा कुमारी भी केवड़िया गांव की एक आदिवासी लड़की है, जो ई-रिक्शा चलाती हैं. प्रतिमा कहती हैं, ‘2021 से पहले यहां की आदिवासी महिलाएं अपमानित जीवन जी रही थीं. लेकिन अब एक नहीं शुरुआत हो गई है. हम एक दिन में 1 हजार से लेकर 14 सौ रुपये कमा लेते हैं. ई-रिक्शा का किराया देने के बाद हम 7 सौ से 11 सौ रुपया अपने घर ले जाते हैं.
बदलाव आया कैसे?
स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रबंधन के प्रवक्ता राहुल पटेल का कहना है, ‘आसपास के गांवों की ये महिलाएं, सरकार द्वारा संचालित एकतानगर कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षित होने के बाद ई-रिक्शा चलाकर कमा रही हैं. ये सभी अत्यंत ही गरीब परिवारों की महिलाएं हैं. 260 से अधिक आदिवासी महिलाओं को औपचारित तौर पर ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने की योजना है. ये महिलाएं न सिर्फ यात्रियों को स्टैज्यू ऑफ यूनिटी के दर्शन करवाती हैं, साथ ही आस-पास की अन्य महत्वपूर्ण जगहों की जानकारी भी देती हैं.’
बदल गया है परिदृश्य
राहुल पटेल ने बताया, ‘31 अक्टूबर 2018 से अबतक विदेशी सहित 75 लाख से अधिक पर्यटक यहां आ चुक हैं. इनमें से अधिकतर पर्यटकों ने महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली इन ई-रिक्शा पर सफर का आनंद उठाया है. स्टैज्यू ऑफ यूनिटी स्थापित होने के बाद इलाके का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है.’