देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों (Corona Cases in Delhi) की रोकथाम के लिए ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान (ग्रेप) लागू हो गया है. अब दिल्ली मेट्रो (Metro) 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता पर चल रही है. मेट्रो में सफर करने वाले यात्री एक सीट छोड़कर ही बैठ रहे हैं. यह नजारा बुधवार सुबह से ही देखने को मिल रहा है. वहीं बढ़ते कोविड मामलों के कारण लगाए गए नए प्रतिबंधों को देखते हुए किसी भी यात्री को खड़े होकर सफर करने की अनुमति नहीं है.
बता दें कि मेट्रो के कोच में करीब 50 यात्रियों के बैठने के लिए सीट होती है, यानी आठ कोच की मेट्रो में 400 यात्री सीट पर बैठकर यात्र कर सकते हैं. अब 50 फीसद क्षमता के साथ मेट्रो चल रही है, ऐसे में आठ कोच में 200 और छह कोच में 150 यात्री सफर कर पा रहे हैं. वैसे खड़े होने के लिए जगह अधिक होती है. इसलिए करीब 350 यात्रियों के सफर करने की क्षमता होती है. इस लिहाज से मेट्रो का परिचालन करीब पांच प्रतिशत क्षमता से ही हो रहा है.
दिल्ली मेट्रो में नई पाबंदियां लागू होने के बाद आज मेट्रो स्टेशन पर यही तस्वीर दिख रही है. यात्रियों को तब तक बाहर ही रोका जा रहा है, जब तक प्लैटफॉर्म क्लियर न हो जाए. दरअसल, जिस रफ्तार से दिल्ली में कोरोना केस बढ़े हैं, उसके बाद भीड़भाड़ से बचने और कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ये उपाय किए जा रहे हैं.
आज उन लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है, जो रोज की तरह समय पर ऑफिस के लिए निकले हैं. मेट्रो गेट से लाइन शुरू होकर सड़क तक पहुंच जा रही है. कमोबेश यही हाल ज्यादातर मेट्रो स्टेशनों का है.मेट्रो के एक अधिकारी ने कहा, ‘मेट्रो स्टेशन में प्रवेश की संख्या सीमित की जाएगी. 712 गेट में अभी 444 खुले रखे जाएंगे.’