RBL बैंक के एमडी एंड सीईओ विश्ववीर आहूजा के अचानक पद छोड़ने और बैंक के बड़े पदों पर अचानक फेरबदल से आरबीएल बैंक को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया. नौबत यह आ गई कि बैंक के ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बन गई और बैंक के बाहर हलचल बढ़ गई. अब RBL के समर्थन में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपना बयान जारी किया है और बताया है कि RBL बैंक में वित्तीय लेनदेन सही है और बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल है.
RBL Bank के निवेशक चिंताग्रस्त
बीते दिनों आरबीएल बैंक के एमडी एंड सीईओ विश्ववीर आहूजा के अचानक पद छोड़ने और राजीव आहूजा को तत्काल प्रभाव से इंटरिम एमडी एंड सीईओ बनाए जाने के बीच RBL के हालात को लेकर सवाल खड़े होने लगे. रिजर्व बैंक ने अपने मुख्य महाप्रबंधक योगेश के दयाल को बैंक का एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया है. इस हलचल के बाद ग्राहकों, निवेशकों में भी अटकलों का दौर शुरू हो गया और अपनी पूंजी की चिंता लिए निवेशक बैंक ब्रांच के बाहर जमा होने लगे.
RBL बैंक के लिए आरबीआई ने जारी किया बयान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आरबीएल बैंक मामले में बयान जारी कर अटकलों के बाजार को सामान्य करने का प्रयास किया. RBL बैंक के पास पर्याप्त कैपिटल है और उसकी फाइनेंशियल स्थिति ‘संतोषजनक’ बनी हुई है. RBL बैंक के डिपॉजिटर्स और स्टेकहोल्डर्स को अटकलों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है. RBL बैंक की वित्तीय स्थिति ‘स्टेबल’ है.
बैंक की वित्तीय स्थिति संतोषजनक- RBI
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा कि कुछ तिमाहियों में आरबीएल बैंक लिमिटेड से संबंधित अटकलें लगाई गई हैं जो बैंक के आसपास की हालिया घटनाओं से उत्पन्न हुई प्रतीत होती हैं. रिजर्व बैंक यह बताना चाहेगा कि बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत है और बैंक की वित्तीय स्थिति संतोषजनक बनी हुई है. 30 सितंबर, 2021 को अर्ध-वार्षिक लेखापरीक्षित परिणामों के अनुसार, बैंक ने 16.33 प्रतिशत का एक आरामदायक पूंजी पर्याप्तता अनुपात और 76.6 प्रतिशत का प्रावधान कवरेज अनुपात बनाए रखा है. 24 दिसंबर, 2021 को बैंक का चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) 100 प्रतिशत की नियामक आवश्यकता के मुकाबले 153 प्रतिशत है.
अटकल वाली रिपोर्ट्स पर रिएक्शन देने की जरूरत नहीं- RBI
इसके अलावा, यह स्पष्ट किया जाता है कि निजी बैंकों में अतिरिक्त निदेशकों की नियुक्ति बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36एबी के तहत की जाती है. जब यह महसूस किया जाता है कि बोर्ड को नियामक/पर्यवेक्षी मामलों में निकट समर्थन की आवश्यकता है. इस प्रकार, अटकलों वाली रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया करने के लिए जमाकर्ताओं और अन्य हितधारकों की कोई आवश्यकता नहीं है. बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है.
निवेशकों और डिपॅजिटर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं- RBL Bank
RBL Bank का पक्ष सामने आया है. बैंक का कहना है कि आपरेशनल परफॉर्मेंस बेहतर है और बिजनेस और फाइनेंशियल में लगातार सुधार हो रहा है. एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता की बात नहीं है और निवेशकों और डिपॅजिटर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है. बैंक के अंतरिम CEO और MD राजीव आहूजा ने कहा कि बैंक को RBI का समर्थन है और हम निवेशकों और खाताधारकों के उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.
बता दें कि RBL बैंक के उठापटक के बीच इस बैंक के सरकारी बैंक के साथ विलय की चर्चाएं भी है. हालांकि बैंक की तरफ से फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है.