सोशल मीडिया के जरिए झूठा प्रचार और अफवाह फैलाना अब भारी पड़ सकता है। अब हर पोस्ट सरकार और अफसरों की नजर में रहेगी। इसकी शुरुआत बुधवार से छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में हो गई है। खास बात यह है कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सोशल मीडिया की निगरानी के लिए प्रशासनिक स्तर पर टीम का गठन किया गया है। इस टीम में एडिशनल कलेक्टर, पुलिस अफसर से लेकर आईटी एक्सपर्ट तक शामिल हैं।
6 सदस्यीय टीम, कलेक्टर को सौंपेगी रिपोर्ट
कलेक्टर ने जो सोशल मीडिया और विभिन्न संचार माध्यमों की निगरानी के लिए टीम गठित की है। 6 सदस्यीय इस टीम को ‘डिस्ट्रिक्ट सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम’ का नाम दिया गया है। इसमें एडिशनल कलेक्टर, एडिशनल एसपी, एसडीएम, जिला सूचना अधिकारी और चिप्स के ई प्रबंधक शामिल हैं। यह टीम नियमित रूप से बैठक कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।
अफसर का नाम पद
दुर्गेश कुमार वर्मा ADM, बेमेतरा
पंकज पटेल एडिशनल SP, बेमेतरा
संदीप ठाकुर SDM, बेरला
राजीव शर्मा SDO (पुलिस), बेमेतरा
रोहित चंद्रवंशी जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी, बेमेतरा
महेंद्र वर्मा ई- जिला प्रबंधक, चिप्स, बेमेतरा
‘डिस्ट्रिक्ट सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम’ को लेकर कलेक्टर ने जारी किया आदेश।
‘डिस्ट्रिक्ट सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम’ को लेकर कलेक्टर ने जारी किया आदेश।
इस तरह से निगरानी करेंगे सोशल मीडिया पर
टीम फेसबुक, ट्वीटर पर नजर रखेगी। खासकर ग्रुप, पेज और फॉलोअर्स के जरिए शेयर होने वाली पोस्ट पर विशेष नजर होगी।
कई ऐसे पेज हैं, जिन्हें टीम ने विशेष रूप से चिन्हित कर के रखा है।
नए पेज बनने वाले और तेजी से शेयर होने वाले पोस्ट की।
वॉट्सऐप ग्रुप जो पहले से बने हुए हैं, उनमें कई ग्रुप्स में पहले से अफसर जुड़े हैं।
इसके अलावा तमाम वॉट्सऐप ग्रुप में पुलिसकर्मियों को जोड़ा गया है या जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है।
टीम ने काम शुरू किया, आगे के लिए प्लानिंग की जा रही
कलेक्टर विलास संदीपान भोस्कर ने बताया कि टीम में प्रशासनिक और पुलिस अफसरों के साथ ही आईटी एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा NIC से भी मदद ली जा रही है। टीम किस तरह से काम करेगी इसको लेकर प्लानिंग शुरू हो गई है। इसका मकसद सोशल मीडिया पर एंटी सोशल, एंटी रिलीजस, एंटी नेशन पोस्ट को रोकना और कार्रवाई करना है। जिससे की किसी भी तरह का उन्माद न फैलने पाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे।
कानून व्यवस्था बिगाड़ने की घटनाएं प्रायोजित, चिह्नांकन जरूरी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 21 अक्टूबर को कानून व्यवस्था पर कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की थी। करीब 9 घंटे चली इस बैठक के दौरान CM ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की घटनाएं प्रायोजित बताई थी। कहा था, कुछ लोग कानून इसमें लगे हैं, ऐसे लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है। सोशल मीडिया का प्लेटफार्म काफी प्रभावी हो गया है। कुछ लोग इसका दुरूपयोग कर रहे हैं। सही जानकारी लोगों के सामने लाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर उचित पर्यवेक्षण जरूरी है। प्रशासन का इकबाल होना चाहिए। जिले का आसूचना तंत्र विकसित करें।
एक साल में 5 गुना बढ़ा खतरनाक कंटेंट
फेसबुक की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 की आखिरी तिमाही में खतरनाक कंटेंट वाली 16 लाख पोस्ट की पहचान की गई थी। वहीं, 2020 की आखिरी तिमाही में यह संख्या 86 लाख पहुंच गई। यानी एक साल के भीतर 5 गुना से अधिक वृद्धि हुई। इसी तरह 2019 की आखिरी तिमाही में हेट स्पीच के 55 लाख पोस्ट निकले थे। वहीं, 2020 की पहली तिमाही में यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 95 लाख तक पहुंच गई।