✍…सूचना के अधिकार के अधिनियम अनुसार धारा 8(J) के अंतर्गत मांगी गई जानकारी जबकि लोकहित में है…
देवरी, सागर मध्यप्रदेश। मेरूवाणी डाॅट इन…
सागर जिला शिक्षा विभाग की जानकारी लेनें के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धाराएं 6(1) के अंतर्गत इंद्रदेव जाट, निवासी पटेल वार्ड देवरी, जिला सागर मध्यप्रदेश के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जिला सागर में स्थानांतरण में हुई अनियमितताओं तथा अन्य मामलों में भ्रष्टाचार एवं हुए गोलमाल के संबंध में जानकारी मांगी गई थी, जो दिनांक 07/09/2021 को आर.टी.आई. के तहत आवेदन लगाकर मांगी गई थी, जिस के संबंध में एक माह बीतनें के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर नें जबाव में जानकारी देनें से साफ मना करके अपनें पत्र क्रमांक 4759 दिनांक 05/10/ 2021 के द्वारा बताया कि यह जानकारी अधिनियम 2005 की धारा 6(1 )के अनुरूप एवं विशिष्टि पूर्ण नहीं है, साथ ही चाही गई जानकारी में अधिनियम 2005 की धारा 8( J) के अंतर्गत लोकहित स्पष्ट नहीं है, जिस कारण से चाही गई जानकारी प्रदाय नहीं की जा सकती है, अतः जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह ठाकुर अपनी अनियमिताओं को छुपानें के लिए यह जानकारी देने थे मना कर रहे हैं, क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा करीब 153 शालाओं के शिक्षकों का शासन की नीति के विरुद्ध स्थानांतरण करके शिक्षक विहीन कर दिया गया हैं, तथा 583 ऐसी शालायें हैं जहां पर अतिशेष शिक्षक भेज दिए गये हैं।
सागर के समीप की एक शाला में तो 7 शिक्षक अतिरिक्त पहुंचा दिए गये हैं, जबकि वहां पर दर्ज बच्चे चार बचे हुए हैं तथा कई राजपत्रिक अधिकारियो के स्थानातंरण कर दिये गये है, सागर के जिंदा प्राथमिक शाला में सात बच्चों को पढानें के लिये चार शिक्षक भेजे गये है, ऐसी स्थिति को छुपानें के लिए जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा जानकारी देने से मना किया गया है।
उनके अनुसार यह जानकारी में बताया कि लोकहित में नहीं है जबकि जिला शिक्षा अधिकारी सागर द्वारा इस प्रकार से जानकारी को छुपाना संदेह की दृष्टि में आता है क्योंकि विशिष्ट सूत्रों से पता चला है कि सागर जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन व कलेक्टर साहब के अनुमोदन के बिना ही कुछ स्थानांतरण फर्जी तरीके से किए गए हैं जिस पर ना तो कलेक्टर महोदय की टीप है ना ही प्रभारी मंत्री की टीप है “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार लोकतंत्र शिक्षित नागरिक वर्ग तथा ऐसी सूचना को पारदर्शिता की अपेक्षा करता है जो उसके कार्यक्रम तथा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए रोकने के लिए भी और सरकारों तथा उनके परिजनों को शासन के प्रति उत्तरदाई बनाने के लिए अनिवार्य है” मगर जिला शिक्षा अधिकारी अजब सिंह महोदय सूचना के अधिकार के अधिनियम के नियम कानून को भूलकर अपनी मनमर्जी से नये नियम कानून लागू कर रहे है।