क्षेत्र के ग्राम सिलाजु में 3 प्राइमरी और दो मिडिल स्कूल हैं। यहां बच्चों को पीने की पानी की समस्या है। सिलाजु में मुख्य पारा में मिडिल स्कूल है। यहां कक्षा छठवीं से आठवीं तक के कुल 76 बच्चे हैं, जिनमें 2 पंडो जाति के भी बच्चे अध्यनरत हैं। स्कूल के पास एक ही हैंडपंप है, जहां से बच्चे पानी पीते हैं। इसके पानी में कचरा आता है। मुख्यपारा माध्यमिक शाला स्कूल के शिक्षक और बच्चों ने बताया कि इससे बीमारी फैलने का डर बना हुआ है। इसी तरह सिलाजु के कुम्हारपारा के प्राथमिक शाला में कुल 116 बच्चे हैं, यहां स्कूल जाने का रास्ता तक नहीं है। प्राथमिक शाला में 8 पंडो जाति के भी बच्चे अध्ययन हैं। प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक राजू सिंह ने बताया कि स्कूल मैदान में एक हैंडपंप है, जो लगभग 2 सालों से खराब है, जहां बच्चों को मध्यान्ह भोजन के बाद पानी पीने लगभग 350 मीटर दूर जाना पड़ता है। वहीं सिलाजु के प्राथमिक शाला मनकेरी पारा में कुल 160 बच्चे हैं। सहायक शिक्षक कपिलदेव विश्वकर्मा ने बताया कि पीने के पानी के लिए परेशानी होती है। बच्चे घर से पानी की बोतल में लेकर आते हैं। यहां 160 बच्चे के बीच सिर्फ 2 सहायक शिक्षक हैं। इससे पढ़ाई प्रभावित होती है।