वाड्रफनगर (मेरुवाणी)! छत्तीसगढ़ की सरकार बच्चो को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिये तरह-तरह के प्रयास कर रही है , लेकिन शिक्षामंत्री के ही विधानसभा क्षेत्र की यह तस्वीर हैरान करने वाली है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड ग्रामपंचायत गिरवानी के मोखाटोला के बच्चे एवं शिक्षक खंडहर नुमा जर्जर भवन में अध्यन-अध्यापन करने को मजबूर है। कहने को तो बच्चे पढाई करने को आते है परन्तु उनका ध्यान पढाई पर कम स्कूल की छत पर ज्यादा रहता है। स्कूल के छत कब धरासायी हो जाये कोई भरोसा नहीं। स्कूल शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में जब स्कूलों का ये हाल है तो बाकि जगह का आप अंदाजा लगा सकते है। स्कूल शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में जर्जर भवन की सुध लेने वाला कोई नहीं है जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। वहाँ के शिक्षको से इस समस्या के बारे में बात की गयी तो उनका कहना है कि इस जर्जर भवन के बारे में अधिकारियो को कई बार लिखित मौखिक सुचना दी गयी है लेकिन किसी भी अधिकारी या मंत्री ने बच्चो की परवाह नहीं की, जर्जर भवन को देखकर लगता है किसी बड़े हादसे का इन्तेजार कर रहे है। ऐसे मे बच्चो के सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुये पालक अब अपने बच्चो को स्कूल नहीं भेंजने का फैसला लेने को मजबूर हैं। बच्चो के पालक इस स्कूल में बच्चो को भेजने से डर भी रहे है और उनकी मज़बूरी भी है जो इस स्कूल में बच्चो को पढ़ाने के लिए मजबूर है। ग्रामीणों की मने तो उनके द्वारा कई बार भवन के बारे में अधिकारियो को सुचना दी मगर पुराने भवन को न तो मरम्मत करा रहे है और न ही नया भवन बनवा रहे है। ग्रामीणों को अपने विधायक को शिक्षा मंत्री बनने से बहुत उम्मीदे थी। उनको आशा थी की अब जर्जर भवन की जगह नया भवन मिल जायेगा जिससे बच्चे निर्भय होकर अपनी पढाई कर सकेंगे। इस संबंध में जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने किराये के मकान में स्कूल संचालित करने की बात कहीं। यहाँ बडा़ सवाल यह उठता है कि आज तक बच्चो के भविष्य को ध्यान मे रख कर कोई फैसला क्यों नहीं लिया गया। इस मामले पर प्रशासन कोई पहल करता है या नहीं या यु हीं आश्वासनो का दौर बदस्तूर जारी रहेगा।
