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विधानसभा में गूंजा छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा, डॉ. रमन बोले- यहां लोग समारू से सैमुअल हो रहे हैं.

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रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में धर्मांतरण का भी मुद्दा गूंजा. बीजेपी विधायकों ने धर्मांतरण का मुद्दा उठाया और स्थगन प्रस्ताव पेश कर चर्चा की मांग की. बीते बुधवार को सदन में उठाए गए इस मुद्दे पर आसंदी ने कहा कि इस पर बाद में व्यवस्था दी जायेगी. बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को राज्य में बसाया जा रहा है. प्रदेश में आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साज़िश चल रही है. सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण चल रहा है. नया रायपुर में एक अधिकारी इस काम में लगे हैं. सुकमा के एसपी ने इसे लेकर पत्र लिखा था. उनके पत्र लिखने के बाद उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. मेरी विधानसभा में ढाई सालों में पांच हजार लोगों को बसा दिया गया.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा-पहले सिर्फ वनवासी क्षेत्रों तक ये सीमित था, लेकिन आज मैदानी इलाकों में भी धर्मातरण तेजी से फैल रहा है. अम्बिकापुर के महामाया पहाड़ में देश के बाहर के लोगों को लाकर बसाया गया है. ये संस्कृति को नष्ट करने वाले लोग हैं. हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच की जानी चाहिये.

सुनियोजित ढंग से चल रहा धर्मांतरण
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने सदन में कहा कि पूरे प्रदेश में सुनियोजित ढंग से धर्मांतरण का काम चल रहा है. मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में ही धर्मांतरण का काम चल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने सरगुज़ा कलेक्टर को पत्र लिखा कि महामाया पहाड़ में रोहिंग्या को बसाया जा रहा है, इस पर कार्रवाई करें. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह राज्य में लोग समारू से सेम्युअल हो रहे हैं. क्या इस सरकार को खुली छूट दे दी जाये कि प्रिमैटिव ट्राइब को कनवर्ट कर दिया जाये. इस स्थिति की चिंता की जानी चाहिए.

सरकार सुझाव का पालन नहीं कर रही
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि ये गम्भीर स्थिति है. नियोगी कमीशन बना था कि जशपुर में धर्मांतरण बहुत हो रहा है और इस कमीशन को पंडित रविशंकर शुक्ला ने बनाया था. वह कांग्रेस के ही थे. ये सरकार उस कमीशन के एक सुझाव का भी पालन नहीं करा रही. मिशनरी धर्म परिवर्तित करने वाले लोगों को प्रतिबंधित करने जैसी कई अनुशंसा है. मुख्यमंत्री ने यदि धर्मातरण को लेकर गवाही मांगते है और स्वास्थ्य मंत्री कलेक्टर को पत्र लिखते हैं तो क्या ये गवाही नहीं है? सवाल इस बात का है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी चीजों की आड़ में धर्मांतरण होना और उस पर सरकार का संरक्षण मिलना. छत्तीसगढ़ का चरित्र बदल जायेगा.