नई दिल्ली. Air India का नाम तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इसे नाम देने वाले शख्स कौन थे? एयर इंडिया को उसका नाम, दुनियाभर में देश की एयरलाइन कंपनी के तौर पर उसे पहचान दिलाने वाले शख्स हैं- जेआरडी टाटा (JRD TATA). इन्हें उड़ने का शौक था और आज उनके इन्हीं शौक के चलते आज हम दुनियाभर में एयर इंडिया की फ्लाइट से उड़ान भर रहे हैं. प्रसिद्ध बिजनेस टायकून और एविएटर, जेआरडी टाटा सन 1929 में देश के पहले लाइसेंस प्राप्त पायलट बने थे. भारतीय विमानन ( Father of Indian aviation) के जनक जेआरडी टाटा का जन्म (JRD Tata Birthday) जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा के रूप में हुआ था. आज 29 जुलाई को हम उनकी 117वीं जयंती मना रहे हैं.
अपनी मेहनत से दिलाई थी टाटा ग्रुप को सफलता
50 वर्षों तक टाटा एंड संस के अध्यक्ष के तौर JRD Tata ने टाटा समूह (Tata Group) को सफलता और ऊंचाइयों तक पहुंचाया. वे एक सफल व्यवसायी और दूरदर्शी सोच रखने वाले महान व्यक्ति थे. टाटा ने समाज की बेहतरी के लिए बड़े पैमाने पर योगदान दिया. आज भी टाटा की कहानी हर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.
15 साल की उम्र में पहली बार बैठे थे प्लेन में..
जेआरडी टाटा को हवाई जहाज इस कदर लगाव था कि वे 15 साल की उम्र में जब पहली बार प्लेन में बैठे थे तभी तय कर लिए थे कि करियर एविएशयन में ही बनाना है. जिसके बाद 24 साल की उम्र में वो भारत के पहले व्यक्ति थे, जिन्हें कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिला था. बता दें कि साल 1930 में उन्होंने आगा खान कम्पटीशन में भाग लेने के लिए भारत से इंग्लैंड के बीच अकेले सफर किया था. दो साल बाद ही उन्होंने टाटा एयरलाइंस (TATA airline) की स्थापना की थी, बाद में इसी का नाम बदल कर एयर इंडिया (Air India) रखा गया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एयर इंडिया को बुलंदियों पर पहुंचाया. एयर इंडिया को बेहतर सर्विस के लिए जाना जाने लगा था.
फ्लाइट में खुद बदलने गए थे टॉयलेट पेपर
एयर इंडिया से उना लगाव ही था जो खुद सफर के दौरान एक बार टॉयलेट पेपर तक चेक करते थे. दरअसल, एक बार उड़ान के दौरान वे खुद जाकर टॉयलेट में टॉयलेट पेपर बदलने चले गए थे. उस वक्स उनके साथ आरबीआई के पूर्व गवर्नर एल के झा सफर कर रहे थे. लिंक्डइन के ब्रांड कस्टोडियन हरीश भट्ट ने जेआरडी टाटा के जीवन से जुड़ी एक कहानी साझा की, इसमें बताया गया कि जब जेआरडी टाटा एयर इंडिया की यात्रा कर रहे थे, तभी उनके साथ आरबीआई के पूर्व गर्वनर एलके झा भी बैठे हुए थे. उसी वक्त वे काफी समय के लिए कहीं चले गए थे जब वापस अपनी सीट पर बैठे तक एलके झा ने पूछा कि आप कहां चले गए थे? इस पर जेआरडी टाटा ने जवाब दिया कि टॉयलेट साफ ही कि नहीं, यह देखने गया था.उन्होंने कहा कि टॉयलेट पेपर ठीक से लगा नहीं था, उसे ठीक कर रहा था.