नई दिल्ली. आम लोगों की सुविधा के मद्देनजर दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Delhi-Meerut RRTS) के आनंद विहार आरआरटीएस साइट पर माइक्रो टनलिंग का काम जोर शोर से चल रहा है. इस साइट पर दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) की मौजूदा इंटरसेप्टर सीवर लाइन को डायवर्ट करने का काम किया जा रहा है. यह इंटरसेप्टर सीवर लाइन इस स्थान पर बनाये जा रहे भूमिगत स्टेशन और टनल बनाने के रास्ते में आ रही थी.
इस बीच देखा जाए तो माइक्रो टनलिंग वस्तुतः एक ट्रेंचलेस भूमिगत सुरंग निर्माण तकनीक है जिसका उपयोग आम तौर पर निर्माण के दौरान आम लोगों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए किया जाता है. ज़्यादातर इसे यूटिलिटी डायवर्जन कार्यों जैसे जल निकासी पाइपलाइन आदि के लिए छोटी सुरंगों के निर्माण के लिए किया जाता है.
यह तकनीक माइक्रो टनल बोरिंग मशीन का उपयोग करती है जो कंम्यूटर निर्देशित मार्गदर्शन प्रणाली की मदद से प्रस्तावित डायवर्जन का अनुसरण करती है और आगे बढ़ने के क्रम में पाइप बिछाने के लिए पाइप जैकिंग विधि का उपयोग करती है.
इस तकनीक के द्वारा 900 मि.मी. व्यास की उच्च क्षमता वाले गैर दाब (एनपी-4) कंक्रीट के करीब 600 मीटर लंबी इंटरसेप्टर सीवर लाइन जमीन की सतह से करीब 6 मीटर नीचे की गहराई पर बिछाई जाएगी.