बलरामपुर/संवाददाता:-किसानों के खेती में उपयोग लाए जाने वाले किटनाशक दवाइयों की बड़ी मात्रा कचरे की ढेर में मिली है यह विभाग के अधिकारियो की घोर लापरवाही है।कही न कही ये मामला अधिकारियों कि निरंकुश्ता को प्रदर्शित करता है। लंबे समय से बाटने के लिए रखे रखे दवाइयां एक्सपायर हो गई है।जिसके बाद अधिकारी अपनी बला टालने कीटनाशक दवाइयों को सड़क किनारे फेंक दिए है।
आपकों बता दें कि बलरामपुर जिले के सुभाषनगर में लावारिस हालत में सड़क किनारे कीटनाशक दवा की खेप मिलने से हड़कम्प मच गया।यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि इन दवाइयों को किसानों में बाटने के लिए रखा गया था किन्तु रखे-रखे दवाइयां एक्सपायरी हो जाने के कारण यह बेकार हो गई।
मौका देख कर इन दवाओं को फेक दिया गया है।हजारों की यह दवाइयां बेकार हो गई है।अगर इन दवाओं को समय रहते उपयोग कर लिया गया होता तो शायद हजारों रुपए की यह दवाइयां सड़क किनारे नहीं मिलती।आमतौर पर कृषको को कृषि,उद्यान,रेशम व वन विभाग इस तरह के कीटनाशक दवाएं उपलब्ध कराता है। किसानों को कीटनाशक दवाओं के लिए भटकना ना पड़े।
सुभाष नगर में इतनी बड़ी मात्रा में दवाई/कीटनाशक की खेप मिलने से हड़कम्प मच गया.निश्चित ही यह कीटनाशक व दवाइयां कृषको को वितरण करने के लिए थी।किंतु दवाइयों का उपयोग नहीं होने के वजह से ये बेकार हो हो चुकी है।जहां एक और किसानों की हितैशी बनी सरकार किसानों की चिंता कर रही है.वही रखे-रखे लाखो की दवाईयां कचरे के ढेर मे पड़ी मिली है।अब देखना होगा की क्या एक्शन ली जाती है।
जिले के प्रभारी उपसंचालक कृषि अजय अनन्त का कहना है।की जो कीटनाशक दवाएं सड़क किनारे मिली है उसका सप्लाई आर्डर तीन वर्षों तक कृषि विभाग ने नही कराया है,ऐसे में अब जांच टीम को यह पता लगाना होगा की यह कीटनाशक कौन से विभाग ने सप्लाई की है और लावारिस हालत में आखिर कीटनाशक की खेप पड़ी मिली है।फिलहाल गांव में लावारिस पड़ी कीटनाशक का पता लगाने के लिए उद्यान और कृषि विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं जल्द मामले का खुलासा हो…..