भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) का दायरा बढ़ाते हुए उसमें बिलर के तौर पर ‘मोबाइल प्रीपेड रीचार्ज’ (Mobile prepaid recharge) की सुविधा जोड़ दी जाएगी. इससे देश में प्रीपेड फोन सेवा के करोड़ों यूजर्स को मदद मिल सकती है. सितंबर 2019 में बीबीपीएस की गुंजाइश और दायरा बढ़ाते हुए उसमें बार-बार बिल भेजने वाले (मोबाइल प्रीपेड रीचार्ज को छोड़कर) सभी श्रेणियों के बिलर (बिल भेजने वाली कंपनी) को स्वैच्छिक आधार पर पात्र प्रतिभागियों के तौर पर जोड़ा गया था.
इससे पहले क्या था नियम?
इससे पहले बीबीपीएस के जरिए आवर्ती बिलों के भुगतान की सुविधा केवल पांच सेगमेंट में उपलब्ध थी जिनमें डायरेक्ट टू होम (DTH), बिजली, गैस, दूरसंचार और पानी शामिल हैं. रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर में कहा, ‘अलग-अलग बिलर श्रेणियों में नियमित वृद्धि के साथ और मोबाइल प्रीपेड ग्राहकों को रीचार्ज कराने की खातिर और विकल्प उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करने के लिए, बीबीपीएस में स्वैच्छिक आधार पर बिलर कैटेगरी में ‘मोबाइल प्रीपेड रीचार्ज’ को मंजूरी देने का फैसला किया गया.’
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प्रीपेड फोन सेवा के 110 करोड़ यूजर्स
भारत में दिसंबर 2020 में प्रीपेड फोन सेवा के 110 करोड़ उपयोगकर्ता थे. रिजर्व बैंक ने कहा कि इसका 31 अगस्त को या उससे पहले कार्यान्वयन किया जाएगा. बीबीपीएस बिल भुगतान की एक एकीकृत प्रणाली है जो ग्राहकों को ऑनलाइन अंतर-संचालित बिल भुगतान सेवा प्रदान करती है और साथ ही एजेंटों के नेटवर्क के जरिए भी ऑफलाइन यह सुविधा देती है. बीबीपीएस नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अंतर्गत काम करता है.