जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भारतीय सेना (Indian Army) की ओर से लगातार आतंकियों (Terrorist) पर की जा रही कार्रवाई का असर अब लाइन ऑफ कंट्रोल पर दिखाई देने लगा है.आतंकी संगठनों के बीच अब भारतीय सेना का खौफ दिखाई पड़ रहा है और आईएसआई के हौसले पस्त हो गए हैं. यही वजह है कि पाक अधिकृत कश्मीर के लॉन्चपैड पर आतंकी आने को तैयार नहीं हो रहे हैं.
इंडिया टुडे के मुताबिक सुरक्षाबलों की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि एलओसी पर आतंकी काम नहीं करना चाहते हैं और यहां बने लॉन्चपैड में आतंकियों की संख्या तेजी से कम होने लगी है. रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी और फरवरी में आतंकियों की संख्या में भारी गिरावट आई है. खुफिया जानकारी के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार बने लॉन्चपैड में अब केवल 43 ही आतंकी बचे हुए हैं. पाक में बैठे आतंकी संगठन यहां पर और आतंकियों को भेजना चाहते हैं लेकिन कोई भी आतंकी यहां पर आने को तैयार नहीं है.
भारतीय खुफिया एजेंसी लगातार LOC पर नजर बनाए हुए हैं और आए दिन आतंकियों के साथ मुठभेड़ में आतंकियों को मार गिराया जा रहा है. यही कारण है कि मौत के खौफ के कारण आतंकी लॉन्चपैड पर आने से भी कतराने लगे हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक एलओसी में जिन 43 आतंकियों की जानकारी मिली है उनमें से 28 जम्मू बॉर्डर के सामने बने लॉन्चपैड पर जबकि 15 आतंकी कश्मीर घाटी के सामने सक्रिय लॉन्चपैड पर मौजूद हैं.
भारत के कूटनीतिक दबाव का दिख रहा असर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की आमी और आईएसआई एलओसी पर जिस तरह से भारतीय सेना ने अपनी पकड़ बनाई है उसके बाद से काफी डरी हुई है. इसके साथ ही भारत सरकार के कूटनीतिक दबाव के चलते भी पाकिस्तान के एस्टेब्लिशमेंट कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं. यही वजह है कि अब आतंकी लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार बने लॉन्चपैड में आने से कतराने लगे हैं. अभी तक की खुफिया जानकारी के मुताबिक कश्मीर घाटी में केरन सेक्टर के सामने पाक अधिकृत कश्मीर के लॉन्चपैड दूधनियाल में सिर्फ अल बदर के 10 आतंकी मौजूद हैं.
साल 2020 में मारे गए 203 आतंकी, 49 गिरफ्तार
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने साल 2020 में 203 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा था. इन 203 आतंकियों में 166 स्थानीय आतंकी भी शामिल थे. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में इस दौरान 43 नागरिक भी मारे गए जबकि 92 अन्य घायल हो गए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस साल 49 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जबकि नौ आतंकवादियों का आत्मसमर्पण भी सुनिश्चित किया.