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चार्जशीट के 4000 पन्नों में पिंकी मीणा की घूसखोरी:हर किलोमीटर जमीन का कब्जा दिलाने के बदले 1 लाख रु. की डिमांड थी, अड़ंगा डालते हुए 6 महीने से नहीं बंटने दिया था किसानों को मुआवजा

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भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए बांदीकुई की तत्कालीन SDM पिंकी मीणा हाईवे बना रही कंपनी से प्रत्येक किलोमीटर के बदले एक लाख रुपए की घूस चाहती थी। पहली किस्त में उसने छह लाख रुपए मांगे, लेकिन बाद में राशि बढ़ाकर 10 लाख कर दी। इसकी वजह थी कि बगल वाले अनुभाग दौसा के SDM पुष्कर मित्तल ने 10 लाख रुपए मांगे थे, यह बात पिंकी मीणा को पता चल गई थी। यह खुलासा ACB अदालत में दायर की गई 4 हजार पन्नों की चार्जशीट से हुआ है। चार्जशीट के अनुसार पिंकी ने 6 महीने तक किसानों का मुआवजा अटकाए रखा ताकि कंपनी पर घूस देने के लिए दबाव बनाया जा सके।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के भारत माला प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का जिम्मा बांदीकुई में तत्कालीन SDM पिंकी मीणा के पास था। प्रोजेक्ट के दायरे में आ रहे जिन सिलेक्टेड किसानों को जमीन के बदले मुआवजा मिलना था, वह राशि प्रशासन को मिल चुकी थी। उसे भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया करके किसानों को बांटनी थी और कब्जा हाईवे कंपनी को दिलाना था, लेकिन इन दोनों ही कामों को पिंकी मीणा ने अटकाए रखा। मुआवजा इसलिए नहीं बांटा ताकि किसान संतुष्ट न हो और काम किसी भी सूरत में कंपनी शुरू न कर पाए। जिन किसानों के मुआवजा प्रकरण स्वीकृत हो चुकी थे, उन्हें कब्जा दिलाने के बदले ही यह रिश्वत मांगी गई। तय हुआ कि एक किलोमीटर सड़क का कब्जा दिलाने के बदले एक लाख रुपए लगेंगे।

बार-बार काम अटकाने के चलते कंपनी ने की शिकायत
हाईवे कंपनी पिंकी मीणा को पहले छह लाख रु. देने वाली थी, बाद में वह पलट गई। दौसा एसडीएम के 10 लाख रुपए की डिमांड का पता चलने पर पिंकी मीणा ने फाइल फिर से रोक दी और यह मैसेज पहुंचाया कि अब वह भी 10 लाख रु. ही लेंगी। बांदीकुई और दौसा दोनों सटे हुए इलाके हैं और इन दोनों इलाकों में कंपनी को हाईवे प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन की जरूरत थी। काम बार-बार अटकने के चलते ही कंपनी ने पिंकी मीणा के अलावा IPS मनीष अग्रवाल और एक अन्य एसडीएम पुष्कर मित्तल की शिकायत कर दी। पुष्कर मित्तल अभी जेल में है। मनीष अग्रवाल को बहन की शादी के लिए अंतरिम जमानत मिल चुकी है, जबकि पिंकी मीणा को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।

घूस के खेल में हाईवे कंपनी के कर्मचारी को भी शामिल किया
ACB ने खुलासा किया है कि पिंकी मीणा खुद सीधे रकम नहीं लेना चाहती थी। इसके लिए उसने हाईवे कंपनी से कहा कि वह मुझे नहीं बल्कि रिश्वत की रकम अपने ही कर्मचारी अमित को सौंप दे। शिकायत का मन बना चुकी हाईवे कंपनी ने इससे मना कर दिया। इस तरह की बातचीत एसीबी द्वारा प्रस्तुत डिजिटल रिकॉर्डर में टैप का हिस्सा है। ACB ने हाईवे कंपनी के कर्मचारी अमित को एसडीएम के सामने बैठाकर पूछताछ की तो यह राज खुला।

गिरफ्तार करने से पहले तीन बार बातचीत रिकॉर्ड की
हाईवे कंपनी प्रतिनिधि ने शिकायत की तो एसीबी ने कई बार रिश्वत मांगने का सत्यापन करवाया। परिवादी को डिजिटल रिकॉर्डर दिया गया। पिंकी मीणा की रिश्वत मांगते हुए तीन बार की बातचीत डिजिटल रिकॉर्डर में दर्ज की है। ACB ने सत्यापन के बाद ही पिंकी मीणा को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने ये सारे डिजिटल सबूत और बातचीत का ट्रांसक्रिप्ट बनाकर कोर्ट में चार्जशीट के साथ पेश किया है।