जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (JCTSL) के OSD वीरेन्द्र वर्मा को आखिर 4 दिन की देरी के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया। देर रात कार्मिक विभाग ने वर्मा के निलंबन के आदेश जारी किए। इसमें निलंबन की अवधि को 6 मार्च माना है। नियमानुसार पुलिस या न्यायिक अभिरक्षा में अगर कोई अधिकारी 48 घंटे तक रहता है तो उस दौरान ही निलंबित कर दिया जाता है। वर्मा के निलंबन काल के दौरान प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग सचिवालय में अपनी उपस्थिति देंगे।
जयपुर में एंट्री कप्शन ब्यूरो (ACB) ने 6 मार्च शाम डबल ट्रैप की कार्रवाई की थी। इसमें रिश्वत लेने वाले के साथ-साथ देने वाले को भी गिरफ्तार किया था। एसीबी ने OSD वर्मा को 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते उन्हीं के आवास पर रंगे हाथों पकड़ा था। इस दौरान रिश्वत देने वाले दिल्ली की बस कंपनी पारस ट्रैवल्स के मालिक नरेश सिंघल को भी वर्मा के ही निवास से पकड़ा था। इस मामले में लिप्त जेसीटीएसएल के सहायक लेखाधिकारी (AAO) महेश कुमार गोयल को उसके मानसरोवर स्थित निवास से पकड़ा था।
ये रिश्वत जेसीटीएस में 100 मिनी बसें कॉन्ट्रेक्ट पर लगाने के लिए जो टेंडर हुआ था उसकी शर्तो को कमजोर करने के लिए थी। इसके अलावा, बस डिपो पर कंपनी के कर्मचारियों को रहने के लिए 10 आवास उपलब्ध करवाने, पीने के पानी-बिजली सहित अन्य सुविधाएं और सब्सिडी दिलवाने की एवज में OSD वर्मा ने रिश्वत मांगी थी।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (RAS) वीरेन्द्र वर्मा समेत अन्य दो को ACB ने 9 मार्च देर शाम को एसीबी कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने OSD वर्मा और ट्रेवल्स एजेंसी के संचालक सिंघल दो दिन की रिमांड पर लेने और AAO महेश कुमार गोयल को जेल भेजने के आदेश दिए थे।